ईस्ट बंगाल के ISL में खेलने को लेकर जो संशय था वह खत्म हो गया है। रविवार को AIFF के तीन सदस्यों के साथ हुई वर्चुअल बैठक में बाकी 13 क्लबों के साथ इमामी ईस्ट बंगाल के एक शीर्ष अधिकारी भी शामिल हुए। तीन राज्य संघों के अधिकारियों को लेकर बनी समिति के साथ क्लब प्रतिनिधियों की मौजूदगी से यह साफ हो गया कि सभी कितनी तात्कालिकता के साथ ISL शुरू करना चाहते हैं।
क्लब अधिकारियों के साथ सोमवार को नई दिल्ली में आमने-सामने बैठक करने की योजना थी लेकिन दोनों पक्ष समय नष्ट नहीं करना चाहते थे। इसलिए रविवार को वर्चुअल बैठक में चालू सीजन के ISL बजट पर चर्चा हुई। इसमें तय हुआ कि इस बार लीग दो ग्रुप बनाकर दो वेन्यू पर कराई जाएगी। यानी इस बार लीग पहले की तरह होम–अवे सिस्टम में नहीं होगी। इससे मैचों की संख्या कम होगी और खर्च पर नियंत्रण रखा जा सकेगा। एक रिजर्व वेन्यू भी रखा जाएगा।
क्लब प्रतिनिधि इस बात को लेकर चिंतित हैं कि अगर कम से कम 24 मैच नहीं खेले गए, तो AFC टूर्नामेंट में खेलने की शर्त पूरी नहीं होगी। नए फॉर्मेट में फाइनल तक पहुंचने वाली टीमें 19 मैच खेलेंगी। आज सोमवार को राज्य समिति के सदस्य इस मुद्दे पर AFC से स्पष्टीकरण मांगेंगे। अगर AFC शर्तों के साथ छूट देता है, तो 19 मैचों की ही लीग होगी। अगर नहीं, तो 24 मैचों का फॉर्मेट अपनाया जाएगा।
क्लबों को अभी तक तीन सवालों के जवाब नहीं मिले हैं। पहला, कॉर्पोरेट पार्टनर के रूप में इस बार 21 करोड़ रुपये का निवेश कौन करेगा? दूसरा, टूर्नामेंट का प्रसारणकर्ता कौन होगा? तीसरा, 50 प्रतिशत क्लब-स्वामित्व वाली इस लीग का दीर्घकालिक अनुबंध कैसे होगा? कुछ क्लबों ने यह भी सुझाव दिया है कि कम से कम इस सीजन में अवनमन (रिलिगेशन) न रखा जाए, क्योंकि लीग शुरू होने से पहले अधिकांश क्लबों को पर्याप्त प्री-सीजन ट्रेनिंग का मौका नहीं मिलेगा।
आज, सोमवार को राज्य संघ की तीन सदस्यीय समिति इन सभी सवालों के जवाब तलाशने के लिए चर्चा में बैठेगी।