बाबरी मस्जिद को लेकर दिए बयानों की वजह से तृणमूल कांग्रेस ने हुमायूं कबीर पर पार्टी के अनुशासन को भंग करने का आरोप लगाया और सस्पेंड कर दिया। इस बात की घोषणा एक संवाददाता सम्मेलन के माध्यम से राज्य के मंत्री फिरहाद हकीम ने की। खास बात यह रही कि जिस दिन हुमायूं कबीर को पार्टी से सस्पेंड करने की घोषणा की गयी उसी दिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का मुर्शिदाबाद दौरा भी है।
मुख्यमंत्री बहरमपुर स्टेडियम में सभा को संबोधित करने वाली हैं। हुमायूं कबीर भी उस सभा में शामिल होने के लिए स्टेडियम में बैठे हुए थे लेकिन....!
सस्पेंड होने की खबर मिलते ही...
हुमायूं कबीर को जैसे ही पार्टी से उन्हें सस्पेंड करने की जानकारी मिली, वह तुरंत अपनी सीट से उठे और बदहवास से बाहर निकल गए। स्टेडियम से बाहर निकलते समय हुमायूं ने मीडिया से बातचीत भी की और कहा कि पार्टी की ओर से मुझे कुछ नहीं बताया गया है। मुझे मीडिया के माध्यम से ही इस बारे में जानकारी मिली है।
साथ ही उन्होंने चेतावनी के लहजे में कहा कि इसका जवाब तृणमूल, भाजपा को मिलेगा। भाजपा और तृणमूल के बीच आपसी समझौता है। अगली 22 तारीख को उसे साबित कर दूंगा। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि यहां RSS और तृणमूल की मिलीजुली सरकार चल रही है।
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कर दी नई पार्टी बनाने की घोषणा
मीडिया से बातचीत के दौरान ही हुमायूं कबीर ने अपनी नई पार्टी बनाने की घोषणा कर डाली। उन्होंने कहा कि मैं इसके खिलाफ अपनी नई पार्टी बनाऊंगा। 294 सीटों में से 135 सीटों पर चुनाव लडूंगा। साथ ही उन्होंने दावा करते हुए कहा कि मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद का शिलान्यास जरूर होगा। उन्होंने कहा कि 22 दिसंबर को बहरमपुर टेक्सटाइल मोड़ से इस 'सजा' का जवाब देगें।
संभावना जतायी जा रही है कि उसी दिन वह अपनी नई पार्टी की घोषणा भी कर सकते हैं। गौरतलब है कि काफी दिनों पहले ही हुमायूं कबीर ने मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद बनाने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि 6 दिसंबर को उसका शिलान्यास होगा। ठीक उसी दिन जिस दिन अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस हुआ था।
दिन प्रतिदिन हुमायूं कबीर पर नए-नए विवादित बयान देने का आरोप लगाया जा रहा है। सिर्फ इतना ही नहीं, वह पुलिस के साथ भी लगातार किसी न किसी विवाद में शामिल हो रहे थे। पथ अवरोध करने की धमकी दे रहे थे। बुधवार को लोकभवन की ओर से बताया गया कि राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने निर्देश दिया है कि विधायक के इन बयानों और कार्यक्रमों की वजह से अगर कानून-व्यवस्था बिगड़ने जैसी परिस्थिति बनती है, तो हुमायूं कबीर को पहले से ही गिरफ्तार कर लेना होगा।
6 दिसंबर से ठीक 2 दिन पहले 4 दिसंबर को हुमायूं कबीर को पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया है।