जुलाई विद्रोह मामले में हसीना के बेटे सजीब वाज़ेद जॉय के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट

हसीना के बाद अब उनके बेटे जॉय पर शिकंजा कसने लगा है और उनके सिर पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।

By डॉ. अभिज्ञात

Dec 04, 2025 15:56 IST

ढाकाः बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को सज़ा सुनाने के बाद सरकार ने कार्रवाई तेज करते हुए जुलाई विद्रोह मामले में उनके पुत्र सजीब वाज़ेद जॉय के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। बांग्लादेश के एक विशेष न्यायाधिकरण ने गुरुवार को जॉय के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। यह कदम उनकी मां को मानवता के विरुद्ध अपराधों के आरोप में मौत की सज़ा सुनाए जाने के एक महीने बाद उठाया गया है।

54 वर्षीय सजीब वाज़ेद जॉय सूचना एवं संचार तकनीक विशेषज्ञ हैं और पूर्व प्रधानमंत्री के आईसीटी मामलों के सलाहकार रह चुके हैं। वे इस समय अमेरिका में रहते हैं। आईसीटी-बीडी अर्थात अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के एक अभियोजक ने बताया कि जुलाई विद्रोह के दौरान मानवता के विरुद्ध अपराध करने के आरोप में दर्ज मामले में यह वारंट जारी किया गया है। इसी मामले में उस समय के आईसीटी मामलों के कनिष्ठ मंत्री जुनैद अहमद पालक के खिलाफ भी ऐसा ही वारंट जारी किया गया है। पालक पहले से ही जेल में हैं।

आईसीटी बीडी ने हाल ही में अनुपस्थिति में हुए मुकदमे में पूर्व प्रधानमंत्री हसीना और उनके तत्कालीन गृह मंत्री असदुज़्ज़मान खान कमाल को मौत की सज़ा सुनाई थी। उन पर छात्रों के नेतृत्व वाले हिंसक सड़क आंदोलन जुलाई विद्रोह को बलपूर्वक दबाने की कोशिश करने का आरोप था। जुलाई विद्रोह ने 5 अगस्त 2025 को हसीना की अवामी लीग सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया था। इसके बाद प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने जनवरी में जुलाई वॉरियर्स नाम से 834 मृतकों की सूची जारी की। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय ने 15 जुलाई से 15 अगस्त के बीच 1400 मौतों की पुष्टि की थी। इसमें पिछले सरकार के पतन के बाद पुलिस और अवामी लीग कार्यकर्ताओं के खिलाफ हुई प्रतिशोधी हिंसा में मारे गए लोग भी शामिल थे।

इसी आंदोलन के दौरान कर्फ्यू लागू होने के बाद हुए 'जनसंहार' से जुड़े एक अलग मामले में न्यायाधिकरण ने गुरुवार को औपचारिक आरोप स्वीकार किए। यह आरोप पूर्व कानून मंत्री अनिसुल हक और पूर्व प्रधानमंत्री के निवेश सलाहकार सलमान एफ. रहमान के खिलाफ दायर किए गए थे। दोनों पहले से ही जेल में हैं। न्यायाधिकरण ने उन्हें और उस समय के कनिष्ठ आईसीटी मंत्री पालक को 10 दिसंबर को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है।

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