घर या दुकान से अगर रुपए-पैसे या कोई कीमती सामान, गहने इत्यादि चोरी हो जाते हैं, तो लोग पुलिस से उसे ढूंढ देने की फरियाद लगाते हैं। कई बार चोरी गए सामान की बरामदगी के लिए इनाम की घोषणा भी की जाती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि चोरी हो गए एक ताला को ढूंढ निकालने के लिए दो भाईयों ने पुलिस से गुहार लगायी है।
सिर्फ इतना ही नहीं, दोनों भाईयों ने यह भी ऐलान किया है कि ताला को ढूंढकर देने वाले को ₹1000 का नगद इनाम भी दिया जाएगा। पर क्या है उस ताले में? क्यों दोनों भाई एक ताला के पीछे परेशान हैं?
क्यों इतना खास है वह ताला?
कहने के लिए तो कोई भी कह सकता है कि एक ताला चोरी हो गया है तो क्या हुआ। ₹1000 में ऐसे कितने ताले आ जाएंगे। आखिर उस एक ताले में ऐसी क्या खास बात है? तो इसका जवाब है- यादें। जी हां, पिता की यादों को संजोने की कोशिश करते हुए ही दोनों भाईयों ने चोरी हुए ताला को ढूंढ कर देने वाले के लिए इनाम की घोषणा की है।
यह घटना बीरभूम जिले के सिउड़ी की बतायी जाती है। बताया जाता है कि सिउड़ी के टीन बाजार इलाके में कुतुबुद्दीन मृधा और ताज मृधा मोबाइल मरम्मत की एक दुकान चलाते हैं। शनिवार की रात को दुकान बंद करने के लिए उन्होंने 3 ताले निकाल कर टेबल पर रखे थे। कुछ देर बाद जैसे ही सामान अंदर रखने के बाद वह पीछे मुड़े वहां से एक ताला उन्हें गायब मिला।
ताले में कैद हैं यादें
दोनों भाईयों ने बताया कि उन तालों को उनके पिता यूसुफ मृधा ने तैयार किया था। लगभग 50 साल पहले बने इन तालों पर दुकान का नाम और उसकी कीमत भी लिखी हुई है। पीतल से बने इन तालों को बनाने की कीमत करीब ₹85.75 पड़ी थी। इनका वर्तमान बाजार मूल्य लगभग ₹700-₹800 बताया जाता है।
कुतुबुद्दीन ने बताया कि पिता ने अलीगढ़ से आए एक कारीगर से वह ताला बनवाया था। उस ताले में पिता की यादें कैद हैं। कोई भी उस ताले को शायद 100-50 रुपए में बेच देगा। लेकिन हमारे लिए वह ताला बेहद कीमती है।
पुलिस से लगायी गुहार
दोनों भाई ने सिउड़ी थाना में ताला चोरी होने की शिकायत दर्ज करवायी है। पुलिस ने दुकान के मालिकों को बैठाकर सीसीटीवी फुटेज की जांच की लेकिन उससे कोई सुराग नहीं मिला। मीडिया से बात करते हुए ताजुद्दीन ने ऐलान किया, 'जो ताला को लेकर गया है अगर वह उसे वापस दे जाता है तो मैं उसे ₹1000 मिठाई खाने के लिए दूंगा।'
सिउड़ी थाना के एक अधिकारी ने कहा कि ताला चोरी होने पर कोई पुलिस के पास आया है, ऐसा मेरे कॅरियर में पहली बार हुआ है। लेकिन पिता की यादों से उनका जो भावनात्मक लगाव मैंने देखा, कोशिश करुंगा कि ताला को बरामद किया जा सकें।