विधायक हुमायूं कबीर के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस का बड़ा कदम, पार्टी से किया गया सस्पेंड

फिरहाद हकीम - पार्टी उन लोगों से कोई रिश्ता नहीं रखेगी जो धर्म के आधार पर बांटने की राजनीति करते हैं। तृणमूल धर्म के आधार पर नफरत की राजनीति बर्दाश्त नहीं करेगी।

By Tuhina Mandal, Posted By : Moumita Bhattacharya

Dec 04, 2025 13:37 IST

मुर्शिदाबाद में भरतपुर के विधायक हुमायूं कबीर को तृणमूल कांग्रेस ने पार्टी से सस्पेंड कर दिया है। राज्य के मंत्री फिरहाद हकीम ने गुरुवार को तृणमूल भवन में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए इस बात की घोषणा की। गुरुवार को अपनी घोषणा के दौरान उन्होंने कहा कि हुमायूं कबीर का पार्टी से कोई रिश्ता नहीं होगा।

पार्टी उन लोगों से कोई रिश्ता नहीं रखेगी जो धर्म के आधार पर बांटने की राजनीति करते हैं। तृणमूल धर्म के आधार पर नफरत की राजनीति बर्दाश्त नहीं करेगी। फिरहाद ने बताया कि पार्टी की अनुशासनात्मक कमेटी ने यह फैसला तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की सहमति से लिया है।

कहां से हुई विवाद की शुरुआत?

हुमायूं कबीर से जुड़े विवाद की शुरुआत उसी दिन से हुई जब उन्होंने घोषणा की थी कि 6 दिसंबर को बेलडांगा में 'बाबरी मस्जिद' की नींव रखेंगे। उन्होंने धमकी देते हुए कहा था कि अगर काम में रुकावट डाली गई तो 6 दिसंबर को रेजिनगर से बहरमपुर तक राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया जाएगा।

इतना ही नहीं उन पर सब-डिविजनल पुलिस अधिकारी (SDPO) को भी धमकाने का आरोप लगाया गया। हुमायूं कबीर ने SDPO को धमकाते हुए कहा था कि आग से खेलने मत आएं। आप मेरे काम में रुकावट डाल रहे हैं। जिस दिन मैं आपका कॉलर पकड़ूंगा, आपको बचाने वाला कोई नहीं होगा।

भाजपा ने इस घटना की तीव्र आलोचना किया। पार्टी के विधायक के इन बयानों के बाद ही तृणमूल पार्टी नेतृत्व भी काफी असहज हो गयी थी। पार्टी के एक नेता ने कहा था कि पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी बार-बार धर्मनिरपेक्ष राजनीति पर ही जोर देते हैं। इस तरह के बयान पार्टी की स्थिति के खिलाफ है।

राज्यपाल ने की थी विधायक की गिरफ्तारी की सिफारिश

राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने भी हुमायूं के बयानों के खिलाफ अपनी बात रखी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उन्होंने राज्य सरकार को एक पत्र भी भेजा था जिसमें हुमायूं कबीर की गिरफ्तारी का जिक्र किया गया था। उन्हें डर था कि विधायक के इस तरह के बयानों वजह से राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है।

राज्यपाल ने कहा था कि अगर हुमायूं कबीर के बयानों से कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ जाती है तो उन्हें एहतियात के तौर पर गिरफ्तार करना होगा। इसपर हुमायूं कबीर ने पलटवार करते हुए जवाब भी दिया था कि राज्यपाल अपने अधिकार से बाहर जाकर बोल रहे हैं।

तृणमूल की बड़ी घोषणा

विधायक के इन सभी बयानों की वजह से ही राज्य की राजनीति में काफी उथल-पुथल मच गयी। इस बीच पार्टी ने उन्हें सस्पेंड करने का फैसला ले लिया। इस दिन पार्टी की तरफ से फिरहाद हकीम ने कहा कि बंगाल में सभी सम्प्रदाय एक साथ रहते हैं। यह एकता ही बंगाल की संस्कृति है। तृणमूल कांग्रेस एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी है।

अचानक हमारे एक साथी ने दावा किया कि वह बाबरी मस्जिद बनाएंगे। उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद का निर्माण अयोध्या में बाबर ने करवाया था। बंगाल में ऐसा क्यों होगा? अगर कोई बंगाल में मंदिर या मस्जिद बनाता है तो हमें कोई एतराज नहीं है। लेकिन मस्जिद बनाने का मतलब है धार्मिक कट्टरता की ओर बढ़ना। अगर मस्जिद बनानी ही थी तो किसी और नाम से क्यों नहीं बनाई गई!

साथ ही उन्होंने भाजपा पर तीखा वार करते हुए कहा कि भाजपा ने बंटवारे की राजनीति की है। मेरा विश्वास है कि हुमायूं ने भाजपा के कहने पर ही यह कहा हो। फिरहाद ने कहा कि पार्टी की अनुशासनात्मक कमेटी ने हुमायूं को पहले भी तीन बार चेतावनी दी थी। हालांकि राज्यपाल के पत्र को लेकर उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की।

हुमायूं कबीर ने क्या कहा?

फिरहाद हकीम के संवाददाता सम्मेलन के बाद हुमायूं कबीर ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि मैं फिरहाद हकीम को तृणमूल का नेता ही नहीं मानता हूं। तृणमूल नेता के तौर पर मैं सिर्फ ममता बनर्जी, अभिषेक बनर्जी को मानता हूं। उन्होंने मुझसे कुछ नहीं कहा है। बॉबी हकीम ने क्या कहा, उसका मैं कोई जवाब नहीं दूंगा।

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