मतदाता सूची में हो रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) ने बंगाल में मतुआ सम्प्रदाय को बड़ी चिंता में डाल दी है। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) खुद हालात से निपटने के लिए बंगाल आ रहे हैं। भाजपा सूत्रों का दावा है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो 20 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नदिया जिले के मतुआ बहुल इलाके राणाघाट में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करेंगे।
सूत्रों का दावा है कि वह वहां से 'SIR' को लेकर मतुआ सम्प्रदाय के मन में बैठ डर को दूर करने के साथ ही उन्हें भरोसा दिलाएंगे। हालांकि प्रदेश भाजपा के कुछ नेताओं की इच्छा है कि प्रधानमंत्री राणाघाट के साथ-साथ उत्तर 24 परगना के ठाकुरनगर, बनगांव जैसे इलाकों का भी दौरा करें जिन्हें मतुआ गढ़ माना जाता है।
प्रदेश भाजपा के प्रचार अभियान से खुश नहीं हैं प्रधानमंत्री मोदी
उन्होंने मंगलवार को दिल्ली में राज्य के भाजपा सांसदों के साथ बंद कमरे में बैठक की। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार इस बैठक में कई सांसदों ने प्रधानमंत्री को विस्तार से बताया कि 'SIR' को लेकर मतुआ लोगों में किस तरह का डर फैला हुआ है। उन्होंने नरेंद्र मोदी को यह समझाने की कोशिशि की कि अगर मतुआ समुदाय के मन से अभी इस डर को नहीं निकाला गया, तो 2026 के विधानसभा चुनाव में मतुआ आबादी वाले इलाकों में भाजपा उम्मीदवारों को बड़ी दिक्कतें आएंगी।
सूत्रों का दावा है कि प्रधानमंत्री ने तब कहा कि वह राणाघाट जाकर इस मामले पर जो कहना होगा, कहेंगे। बता दें, 'SIR' को लेकर बंगाली हिंदुओं में जो डर व बेचैनी का माहौल है उसका प्रधानमंत्री मोदी को पहले से ही अंदाजा है। दावा किया जा रहा है कि प्रदेश भाजपा की प्रचार रणनीतियों पर आंख बंद कर भरोसा न करके उन्होंने पिछले सप्ताह ही मतुआ बहुल किसी इलाके में सभा करने का फैसला कर लिया था।
पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुासार प्रधानमंत्री ने पार्टी के सांसदों के साथ मंगलवार को हुई इस बैठक में इसी बात की याद दिलायी। सूत्रों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि नमो 'SIR' और केंद्र सरकार के अलग-अलग जनकल्याण परियोजनाओं के पक्ष में प्रदेश भाजपा के प्रचार अभियानों से बहुत खुश नहीं हैं।
उन्होंने मंगलवार की बैठक में सांसदों को यह भी बताया कि कैसे तेजी के साथ इन अभियानों को आगे बढ़ाना होगा। सूत्रों का दावा है कि बुधवार को दिल्ली में एक और जरूरी बैठक हुई। बताया जाता है कि विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अकेले में मुलाकात की। राजनैतिक जानकारों की मानें तो इस मीटिंग में भी 'SIR' के मुद्दे को ही सबसे ज्यादा अहमियत दी गयी।
'SIR' के पक्ष में जनमत बनाने की हिदायत
बंगाल में इस समय 'SIR' की प्रक्रिया को लेकर सरगर्मियां छायी हुई है। अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि चुनाव आयोग की इस प्रक्रिया की वजह से किसी राजनीतिक पार्टी को कितना फायदा अथवा नुकसान होगा। हालांकि सभी पार्टियां 'SIR' को आगे रखकर ही अपनी नैया पार लगाने की कोशिश कर रही है। राज्य की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल ने आरोप लगाया है कि 'SIR' के डर से बंगाल में कई आत्महत्याएं तक हो चुकी हैं।
यह भी आरोप है कि कुछ बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) ने भी काम के अत्यधिक दबाव में आकर आत्महत्या का रास्ता चुन लिया है। इन आरोपों को हथियार बनाकर तृणमूल कांग्रेस भाजपा पर दबाव बढ़ाने की कोशिशें कर रही है। ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश भाजपा के सांसदों को आम जनता के घर-घर जाकर 'SIR' के पक्ष में जनमत तैयार करने हिदायत दी है। उन्होंने शमिक भट्टाचार्य और सुकांत मजूमदार से सोशल मीडिया पर 'SIR' के पक्ष में और तेज प्रचार अभियान चलाने के लिए कहा है।
पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार को हुई बैठक में पीएम मोदी ने प्रदेश भाजपा के सांसदों को साफ-साफ कहा कि 'SIR' की उपयोगिता के बारे में जितना ज्यादा प्रचार होना चाहिए था, उतना नहीं हुआ। भविष्य में इस कमी को कैसे पूरा किया जा सकें, इस बैठक में मुख्य रूप से इसी बात पर जोर दिया गया।
हालांकि इसमें कोई शक नहीं है कि भाजपा सबसे ज्यादा मतुआ सम्प्रदाय के मन में बैठे डर से परेशान है। इसीलिए प्रधानमंत्री 20 दिसंबर को बंगाल में कहीं और नहीं बल्कि मतुआ बहुल इलाके राणाघाट में ही सार्वजनिक सभा को संबोधित करने जा रहे हैं।
'SIR' मुद्दे के अलावा मोदी ने प्रदेश भाजपा को केंद्र सरकार की अलग-अलग परियोजनाओं के ज्यादा से ज्यादा प्रचार की सलाह भी दी है। सूत्रों का दावा है कि बैठक में उन्होंने कहा कि केंद्र के जो परियोजनाएं बंगाल के लोगों को नहीं मिल रही हैं, उनके लिए तृणमूल को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। इसके साथ ही नमो ने यह भी कहा कि बूथ स्तरीय संगठन पर ज्यादा जोर दिया जाना चाहिए। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य ने बताया कि प्रधानमंत्री ने मालदह उत्तर के सांसद खगेन मुर्मू पर हुए हमले को लेकर भी चिंता जताई।