भरतपुर के विधायक हुमायूं कबीर ने मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में 'बाबरी मस्जिद' का शिलान्यास करके विवाद खड़ा कर दिया है। हालांकि उन्हें तृणमूल कांग्रेस ने पार्टी से सस्पेंड भी कर दिया है। लेकिन 6 दिसंबर को इस मस्जिद के निर्माण का शिलान्यास करते समय हुमायूं ने दावे के साथ कहा था कि रुपयों की कोई कमी नहीं होगी। अब लगता है वह अपने उस दावे को सच साबित करने के रास्ते पर आगे भी बढ़ रहे हैं।
दावा किया जा रहा है कि हुमायूं कबीर ने प्रस्तावित मस्जिद के निर्माण के लिए कई पेटियों और बोरियों में दान जमा किया गया है। रविवार तक जमा 11 ट्रंक में से चार पेटी और एक बोरी खोली गई जिसमें से काफी रुपया निकला है। बताया जाता है कि लोगों को इन रुपयों को हाथों से गिनने में भी परेशानी हो रही है। इसलिए रुपए गिनने के लिए हुमायूं कबीर के रेजिनगर स्थित घर पर एक मशीन लाई गई है।
मिली जानकारी के अनुसार रविवार की आधी रात तक रुपयों की गिनती जारी रही। चार पेटी और एक बोरी खोलने पर करीब 38 लाख रुपये निकले हैं। हुमायूं कबीर को भरोसा है कि अगर सोमवार को गिनती फिर से शुरू हुई तो रकम और बढ़ेगी। बताया जाता है कि कई लोगों ने नगद नहीं बल्कि QR कोड स्कैन करके भी रुपए जमा किए हैं। इस बाबत विधायक का दावा है कि सिर्फ QR कोड स्कैन करके ही लगभग 93 लाख रुपये जमा हुए हैं।
गौरतलब है कि हुमायूं कबीर ने 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद में 'बाबरी मस्जिद' की नींव रखने की बात करके देश की राजनीति में हलचल मचा दी थी। उन्हें सस्पेंड करके तृणमूल ने यह संदेश देने की कोशिश भी की थी कि धर्म पर राजनीति करने वालों के लिए पार्टी में कोई जगह नहीं है।
तृणमूल नेता फिरहाद हकीम ने भी हुमायूं की भाजपा के साथ मिलीभगत होने का दावा किया था। वहीं दूसरी ओर प्रदेश भाजपा नेताओं ने हुमायूं के इस कदम की कड़ी आलोचना की है। कांग्रेस ने भी इसकी आलोचना की है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि तृणमूल के बहिष्कृत विधायक हुमायूं कबीर को लेकर राज्य के साथ-साथ देश की राजनीति में भी सरगर्मियां तेज हो गयी हैं।
(रिपोर्टिंग - शुभाशिष सैयद)