आज ही होगा मुर्शिदाबाद में 'बाबरी मस्जिद' का शिलान्यास! सस्पेंड होकर भी हुमायूं कबीर जिद्द पर अड़े

शनिवार को हुमायूं कबीर कथिर तौर बाबरी मस्जिद के शिलान्यास जुड़ी सारी तैयारियों की देखरेख भी कर रहे हैं।

By Tuhina Mondal, Posted By : Moumita Bhattacharya

Dec 06, 2025 10:53 IST

तृणमूल से सस्पेंड हो चुके हैं मुर्शिदाबाद के भरतपुर के विधायक हुमायूं कबीर। इसके बावजूद 'बाबरी मस्जिद का शिलान्यास तो होकर रहेगा' की जिद्द पर अड़े हुए हैं। पिछले गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सभा के दौरान ही उन्हें तृणमूल कांग्रेस से बर्खास्त किए जाने की जानकारी मिली।

इसके बाद उन्होंने दावा किया कि 6 दिसंबर (जिस दिन अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस हुआ था) को बेलडांगा -2 ब्लॉक के चेतियानी में वह 'बाबरी मस्जिद' का शिलान्यास जरूर करेंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार को वह इससे जुड़ी सारी तैयारियों की देखरेख भी कर रहे हैं।

इस बीच किसी भी तरह के हंगामे को रोकने के लिए राज्य प्रशासन लगातार सक्रिय है। मुर्शिदाबाद को सुरक्षा घेरे में ले लिया गया है। राज्य के अलग-अलग हिस्सों से और भी पुलिस कर्मियों को लाकर जिले में तैनात किया गया है। इसके साथ ही केंद्रीय वाहिनी भी रूट मार्च कर रही है।

6 दिसंबर (शनिवार) की सुबह हुमायूं कबीर ने दावा किया कि यह शिलान्यास समारोह 'ऐतिहासिक' होने है। उन्होंने दावा किया कि यहां बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ेगी। सऊदी अरब से इमाम को बुलाया गया है। खास मेहमान भी मौजूद रहेंगे। मुख्य समारोह दोपहर 12 बजे शुरू होगा और 2 बजे तक खत्म होगा।

गौरतलब है कि हुमायूं कबीर का 'बाबरी मस्जिद' के शिलान्यास की घोषणा शुरू से ही विवादों में रहा है। तृणमूल नेता फिरहाद हकीम ने पार्टी के फैसले की घोषणा करते हुए हुमायूं कबीर को सस्पेंड करने की घोषणा की थी। साथ ही उन्होंने कहा था कि मंदिर या मस्जिद कोई भी बना सकता है। लेकिन इसका नाम 'बाबरी मस्जिद' क्यों रखा गया? उन्होंने हुमायूं कबीर को यह भी याद दिलाया कि तृणमूल धर्म के आधार पर राजनीति को बर्दाश्त नहीं करेगी।

पार्टी से सस्पेंड होने के बावजूद हुमायूं कबीर ने हार नहीं मानी। बल्कि उन्होंने और खुलकर दावा किया कि वह इस मस्जिद को जरूर बनाएंगे। शनिवार सुबह विधायक ने कहा कि इतने विरोध के बावजूद मैंने यह कार्यक्रम आयोजित किया है। यह कार्यक्रम दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक चलेगा।

गौरतलब है कि हुमायूं कबीर की इस घोषणा को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट में एक याचिका भी दायर की गयी थी लेकिन कोर्ट ने इस मामले में कोई भी दखलंदाजी करने से इनकार कर दिया। हाई कोर्ट ने राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी राज्य प्रशासन पर छोड़ दी थी।

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