साल 2023 में जादवपुर यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में प्रथम वर्ष के छात्र की रैगिंग और मौत के मामले में आरोपी एक छात्र को अदालत के आदेश पर परीक्षा में बैठने की इजाजत दे दी गयी थी। लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन के अधिकारियों ने परीक्षा का रिजल्ट घोषित नहीं करने का फैसला लिया था। इसके बावजूद आरोपी छात्र के परीक्षा रिजल्ट से संबंधित गोपनीयता भंग होने का आरोप लगाया गया है।
यूनिवर्सिटी के आंतरिक एंटी-रैगिंग कमेटी को हाल ही में जानकारी मिली है कि आरोपी छात्र को अपनी परीक्षा का रिजल्ट पता चल गया है जिसके आधार पर उसने सप्लिमेंटरी परीक्षा देने के लिए आवेदन भी किया है। बता दें, जेयू की आंतरिक जांच कमेटी ने ही उक्त छात्रा को साल 2023 में छात्र की मौत के मामले में दोषी करार दिया था।
एंटी रैगिंग कमेटी के कई सदस्यों ने संदेह व्यक्त किया है कि संभव है कि प्रथम वर्ष के छात्र की मौत में आरोपी दूसरे छात्रों के मामले में भी ऐसा हुआ हो। जेयू प्रशासन ने आरोपी छात्र को एक सेमेस्टर अथवा 6 माह के लिए सस्पेंड किया था। लेकिन कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर आरोपी छात्र को सेमेस्टर परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गयी थी। लेकिन जेयू प्रशासन ने फैसला लिया था कि उसका रिजल्ट घोषित नहीं किया जाएगा।
एंटी रैगिंग कमेटी के एक सदस्य ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हाई कोर्ट के आदेश पर आरोपी छात्र परीक्षा तो दे सका था लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन ने रिजल्ट घोषित न करने का फैसला लिया था। उस जानकारी का बाहर आना कोई साधारण बात नहीं है। कमेटी का कहना है कि इस घटना की गहराई से जांच होनी चाहिए। बताया जाता है कि इस मामले में कमेटी की जांच रिपोर्ट को उपाचार्य के पास भेजा जाएगा। जो भी फैसला लेना होगा, वह उपाचार्य ही लेंगे।