तापमान में गिरावट के साथ ही कोलकाता में बढ़ रहा वायु प्रदूषण का प्रकोप, AQI पहुंचा 'Very Poor' श्रेणी में

महानगर कोलकाता का तापमान जैसे-जैसे नीचे जा रहा है, उसके साथ ही प्रदूषण भी बढ़ता जा रहा है।

By Debarghya Bhattacharya, Posted By : Moumita Bhattacharya

Dec 06, 2025 14:01 IST

रात को सोने जाने से पहले से लेकर सुबह उठने बाद ही बरामदे से बाहर कोहरा छाया नजर आ रहा है। थोड़ी दूरी पर मौजूद पेड़ या लैम्प पोस्ट भी साफ नहीं दिखाई दे रहे हैं। लेकिन यह हालत ठंड की वजह से नहीं बल्कि धूल और प्रदूषण की वजह से होगा। महानगर का तापमान जैसे-जैसे नीचे जा रहा है, उसके साथ ही प्रदूषण भी बढ़ता जा रहा है।

शनिवार की सुबह कोलकाता का तापमान गिरकर 14.5 डिग्री सेल्सियस पर आ गया, जो सामान्य से 2.1 डिग्री कम है। तापमान के लिहाज से शनिवार को कोलकाता में इस सीजन की सबसे सर्द सुबह रही। इससे पहले 17 दिसंबर 2020 को कोलकाता का न्यूनतम तापमान 11.2 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया था।

सिर्फ 2020 में ही नहीं बल्कि 20 दिसंबर 2021 को भी कोल्ड वेव की वजह से पारा 11.2 डिग्री तक गिर गया था। इसका मतलब है कि चक्रवाती तूफान और पश्चिमी झंझावातों का असर खत्म होते ही दिसंबर में सर्दी ने अपनी 'तूफानी पारी' शुरू कर दी है।

सर्दी की यह तूफानी पारी ने महानगर में वायु प्रदूषण को फायदा पहुंचाना शुरू कर दिया है। बात अगर कोलकाता के औसत AQI की करें तो शनिवार को कोलकाता का औसत AQI 214 था। यह बहुत खराब श्रेणी में आता है। उसी तरह सुबह हवा में PM2.5 धूल के कणों की मात्रा 134 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर थी। साथ ही नुकसानदायक PM10 धूल के कणों की मात्रा 179 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर थी।

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प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्राप्त जानकारी के मुताबिक शहर में वायु प्रदूषण की सबसे गंभीर हालत विक्टोरिया मॉनिटरिंग स्टेशन की है जहां सुबह 10 बजे का AQI 260 दर्ज किया गया है।

दूसरी जगहों का कैसा रहा हाल?

फोर्ट विलियम - 219

जादवपुर - 211

विधाननगर - 133

बालीगंज - 164

रवींद्र भारती यूनिवर्सिटी - 152

रवींद्र सरोवर - 111

(सुबह 10 बजे तक मिली जानकारी के अनुसार)

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वैज्ञानिकों का कहना है कि सुबह के समय हवा में प्रदूषण की मात्रा सबसे ज्यादा होती है। इस समय तापमान कम होता है और हल्की ठंडी हवा भी चलती है। इस वजह से हवा में मौजूद पानी के कण धूल के कणों को जमीन के नजदीक ले आते हैं। ऐसे में महानगर पर छायी सफेद रंग लगभग अपारदर्शी चादर कोहरा यानी फॉग न होकर धुल-कण से भरी स्मॉग की होती है।

इस वजह से गाड़ियों या फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं ज्यादा ऊपर नहीं उठ पाता है और जमीन के पास ही हवा में तैरता रहता है। इसी वजह से लोगों को सांस लेने में दिक्कतें और दूसरी कई तरह की परेशानियां शुरू होती हैं।

बात अगर पूरे सप्ताह की करें तो सबसे अधिक खराब हालत सोमवार को थी। इस दिन का औसत AQI 329 था। सबसे खराब हालत फोर्ट विलियम, जादवपुर और बालीगंज में थी। इन सभी जगहों का AQI क्रमशः 283, 282 और 233 था।

प्रदूषण से बचने का उपाय?

पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि अभी कुछ दिनों के लिए सुबह जॉगिंग या एक्सरसाइज के लिए बाहर न जाना ही बेहतर है। दिन में किसी भी समय बाहर जाते समय मास्क का इस्तेमाल करना बेहतर है। प्रदूषण से बचने के लिए घर की खिड़कियां बंद रखने की हिदायत दी है। साथ ही सलाह दी जा रही है कि अगर हो सके तो एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।

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