SIR प्रक्रिया के खत्म होने से एक सप्ताह पहले ही पश्चिम बंगाल में 83% काम हो चुका है पूरा

राज्य के चुनाव आयोग से प्राप्त आंकड़े साबित करते हैं कि हजारों तरह की रुकावटें आने के बावजूद 50% से ज्यादा BLO ने अपने हिस्से का काम पूरा कर लिया है।

By Moumita Bhattacharya

Nov 28, 2025 11:08 IST

राज्य में 'SIR' की प्रक्रिया के पूरा होने में अभी एक सप्ताह का समय बाकी है। उससे पहले गुरुवार की सुबह तक कोलकाता और दूसरे जिलों में 82.91% यानी 6 करोड़ 35 लाख 38 हजार 971 एन्यूमरेशन फॉर्म डिजिटाइज हो चुके हैं। इसका मतलब है कि हजारों तरह की रुकावटें आने के बावजूद 50% से ज्यादा BLO ने अपने हिस्से का काम पूरा कर लिया है। राज्य के चुनाव आयोग से प्राप्त आंकड़े इसी बात को साबित करते हैं।

उत्तर-दक्षिण कोलकाता और उत्तर 24 परगना है पीछे

अगर राज्य भर की बात करें तो यहां सिर्फ उत्तर व दक्षिण कोलकाता ही कुछ पीछे है। CEO ऑफिस से मिले आंकड़ों के मुताबिक उत्तर कोलकाता के 7 विधानसभा क्षेत्रों के 58% एन्यूमरेशन फॉर्म का डिजिटाइजेशन हुआ है। वहीं दक्षिण कोलकाता में 4 विधानसभा सीटें हैं लेकिन यहां लगभग 64% काम पूरा हो चुका है।

गुरुवार को उत्तर कोलकाता, दक्षिण कोलकाता और उत्तर 24 परगना की 30 विधानसभा सीटों के ERO और AERO के साथ एक बैठक हुई, जो जिले डिजिटाइजेशन के काम में पीछे चल रहे हैं। इस बैठक में CEO के ऑफिस में इस बात पर भी चर्चा की गयी कि निर्धारित समय सीमा के अंदर काम को पूरा करने के लिए उसमें तेजी कैसे लायी जाए।

किस जिले में डिजिटाइजेशन का कितना काम पूरा?

*उत्तर कोलकाता - 58%

*दक्षिण कोलकाता - 64%

*उत्तर 24 परगना - 75%

*कलिम्पोंग - 75%

*पश्चिम बर्दवान - 70%

*पूर्व बर्दवान - 88%

*पूर्व मिदनापुर - 85%

*पश्चिम मिदनापुर - 85%

*बांकुड़ा - 85%

चुनाव आयोग सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गुरुवार को BLO ऐप सर्वर में दिक्कत की वजह से 16 घंटे तक एन्यूमरेशन फॉर्म अपलोड नहीं हो सका था। इस वजह से कसबा, बालीगंज, जादवपुर और हावड़ा के उलुबेरिया समेत राज्य के बड़े हिस्से में BLO दोपहर 3 बजे तक बैठे रहना पड़ा है। जैसे ही इस बारे में जानकारी मिली तुरंत राज्य के चीफ इलेक्शन ऑफिसर (CEO) के ऑफिस ने मुख्य निर्वाचन आयोग को इस बात की जानकारी दी गयी।

वापस लाया गया एडिट विकल्प

आयोग ने कहा कि BLO ऐप में एडिट विकल्प को पहले ही वापस लाया जा चुका है। इस विकल्प के वापस आने से BLO अगर किसी वोटर से संबंधित जानकारी को गलत भर देता है तो उसे ठीक करने का मौका मिलेगा, साथ ही डिजिटाइजेशन के दौरान या बाद में एन्यूमरेशन फॉर्म अपलोड करने का भी मौका मिलेगा।

हालांकि कमीशन ने शुरू में BLO ऐप में एडिट विकल्प नहीं दिया था। लेकिन बाद में दबाव में ऐसा करना पड़ा। वोटर यूनिटी फोरम ने आरोप लगाया कि BLO कई जगहों पर BLA के दबाव में गलत जानकारी को डिजिटाइज कर रहे थे। एडिट विकल्प न होने की वजह से इसे ठीक नहीं किया जा सका था। अब BLO को जानकारी डिजिटाइज होने के बाद भी इसे ठीक करने का मौका मिल रहा है।

राज्य के CEO मनोज अग्रवाल ने इस बारे में कहा, "BLO को सर्वर की समस्या से परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। अभी बहुत समय है। जिन विधानसभा क्षेत्रों में डिजिटाइजेशन का काम पिछड़ रहा है, वहां BLO के काम में तेजी लाने के लिए दूसरे प्रस्तावों पर विचार किया जा रहा है। साथ ही जिन BLO ने काम पूरा कर लिया है, उन्हें जरूरत पड़ने पर पिछड़ रहे BLO की मदद के लिए भेजा जा सकता है।

Prev Article
भारत-श्रीलंका दोनों देशों में लैंडफॉल कर सकता है चक्रवाती तूफान 'दितवाह', क्या बंगाल भी होगा प्रभावित?
Next Article
BLO अधिकार सुरक्षा कमेटी का विरोध-प्रदर्शन, CEO ऑफिस के सामने मचा हंगामा

Articles you may like: