मतदाता सूची में कोई गड़बड़ी न रहे, इसे सुनिश्चित करने के लिए राज्य में SIR किया जा रहा है। SIR के संबंध में चुनाव आयोग लगातार इसी बात का दावा कर रही है। सूची से मृत मतदाताओं का नाम कट जाए, इसे सुनिश्चित करने की कोशिशें की जा रही है।
अगर किसी जगह पर यह पता चलता है कि मृत मतदाता के नाम पर किसी और ने एन्यूमरेशन फॉर्म भरा है, तो जो फॉर्म भरेगा उससे पूछताछ की जाएगी। ऐसा नहीं होने पर संबंधित DEO से लेकर BLO तक, हर किसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए आयोग बाध्य होगा।
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गुरुवार को राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त मनोज अगरवाल ने यह स्पष्ट कर दिया है। 9 दिसंबर को मतदाता सूची का मसौदा जारी किया जाएगा। उससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि वर्तमान में राज्य में मृत वोटरों की संख्या कितनी है! वहीं दूसरी ओर CEO ने यह भी बताया कि ऐसे कई लोग हैं, जिनके पास वोटर कार्ड था लेकिन आधार कार्ड नहीं है।
गौरलतब है कि चुनाव आयोग ने पहले ही Unique Identification Authority of India (UIDAI) प्रबंधन से मृत वोटरों के संबंध में जानकारी हासिल कर ली है। UIDAI, बैंक समेत ऐसे सभी संस्थान जिनके पास जीवित-मृत व्यक्तियों से संबंधित जानकारियां मौजूद हैं वहां से मृत वोटरों की संख्या के बारे में चुनाव आयोग ने जानकारी मांगी थी।
वर्ष 2022 की Legacy Data के मुताबिक राज्य में मृत वोटरों की संख्या लगभग 46 लाख बतायी जाती है। हालांकि मृत वोटरों की वास्तविक संख्या के बारे में मतदाता सूची का मसौदा जारी होने के बाद ही सटीकता के साथ जानकारी मिल सकेगी।