केवल हियरिंग कैंप ही नहीं, एन्यूमरेशन फॉर्म भरने में भी मदद पाएंगे यौनकर्मी, CEO का आश्वासन

By शुभ्रजीत चक्रवर्ती, Posted by: लखन भारती

Nov 28, 2025 23:18 IST

एन्यूमरेशन फॉर्म से संबंधित संदेह दूर करने के लिए आयोग की तरफ से यौन पल्ली में विशेष अधिकारी भेजे जाएंगे।

राज्य में SIR शुरू होने के बाद से ही रेड लाइट इलाका सोनागाछी के सेक्स वर्कर्स डर में जी रहे थे। बंगाल में SIR शुरू होने के 17 दिन बाद राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल को सेक्स वर्कर्स की समस्याओं का उल्लेख करते हुए तीन संगठनों ने पत्र लिखा, जो सेक्स वर्कर्स और उनके बच्चों के लिए काम करते हैं। 'एई समय ऑनलाइन' में यह खबर पहले ही प्रकाशित हो चुकी थी। आयोग पहले ही बता चुका था कि सेक्स वर्कर्स के लिए विशेष सुनवाई शिविर आयोजित किया जाएगा। शुक्रवार को राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि कोलकाता के विभिन्न रेड लाइट इलाके में रहने वाले सेक्स वर्कर्स को यदि एन्यूमरेशन फॉर्म भरने में कोई समस्या होती है, तो राज्य के CEO कार्यालय की ओर से ERO से बात करके कुछ अधिकारियों को वहाँ मदद करने के लिए भेजा जाएगा।शुभ्र

कमिशन ने सेक्स वर्कर्स के बच्चों के लिए काम करने वाले तीन संगठनों से यह जानने के लिए कहा है कि किन-किन क्षेत्रों के सेक्स वर्कर एन्यूमरेशन फॉर्म संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। यदि संगठन इस विषय में पत्र भेजते हैं तो आयोग की ओर से एक दिन तय किया जाएगा और वहां एन्यूमरेशन फॉर्म संबंधी संदेह दूर करने के लिए विशेष अधिकारियों को भेजे जाएंगे। इसके अलावा केवल सोनागाछी ही नहीं, बल्कि राज्य के विभिन्न जिलों की झुग्गियों में रहने वाले सेक्स वर्कर्स के लिए भी विशेष सुनवाई शिविर का प्रबंध किया जाएगा।

‘हम पैदल’-के प्रमुख आयोजकों में से एक महाश्वेता मुखोपाध्याय ने बताया कि कोलकाता में कई सेक्स वर्कर्स एन्यूमरेशन फॉर्म भरने में डर महसूस कर रहे हैं। कई लोग सोच रहे हैं कि यह फॉर्म भरना जरूरी नहीं है। हालांकि उन्हें इस बारे में और जागरूक करने के लिए आयोग ने जो निर्णय लिया है, वह सराहनीय है।

शनिवार को तीन संगठनों की ओर से राज्य के सीईओ कार्यालय में जाकर पत्र दिया जाएगा और यह भी पत्र में उल्लेख किया जाएगा कि एन्यूमरेशन फॉर्म से संबंधित यह विशेष शिविर किस दिन करना बेहतर होगा। एन्यूमरेशन फॉर्म जमा करने की अंतिम तारीख आने वाली 4 दिसंबर है और इससे पहले, यह देखना है कि राज्य के सीईओ कार्यालय इस समस्या को हल करने के लिए कौन-कौन से कदम उठाता है।

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