कुछ सप्ताह पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सरकार के 14 साल पूरे होने पर काम का रिकॉर्ड पेश किया था। उन्होंने उस रिकॉर्ड का आधिकारिक नाम 'पांचाली' दिया गया था। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि 'हमारा मुहल्ला, हमारा समाधान' प्रोग्राम के तहत मिले आवेदनों को अगले दो महीने में लागू कर दिया जाएगा।
सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने इन कार्यों की कड़ी आलोचना की। शुभेंदु ने कहा कि राज्य में एंटी-इंस्टीट्यूशनलिज्म चल रही है। इसलिए यह 'हतश्री पांचाली' काम नहीं आएगी। उन्होंने ठेकेदारों से भी अपील की कि वे 'इस जाल में न फंसें'।
शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि अलग-अलग जिलों में कई ठेकेदार यह काम नहीं करना चाहते हैं। भले ही पूरे राज्य से 7,000 करोड़ रुपये के काम के लिए आवेदन आए हैं, लेकिन सरकार सिर्फ 700 करोड़ रुपये का काम ही 'जबरदस्ती' करवा रही है। उन्होंने कहा कि मैंने अपने ठेकेदार दोस्तों से अनुरोध किया था कि आखिरी मौके पर किसी धोखाधड़ी का शिकार न बनें।
अगर आप इस काम का ठेका ले भी लेते हैं तो भविष्य में जब हम सत्ता में आएंगे तो हम इस भ्रष्ट काम का पेमेंट नहीं कर पाएंगे। सिर्फ 700 करोड़ रुपये देकर काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। सिर्फ 10 प्रतिशत रुपया ही आवंटित किया गया है।
केंद्र सरकार ने फंड देना बंद कर दिया है, इसके बावजूद राज्य सरकार इस विकास परियोजना पर काम कर रही है और राज्य की सत्ताधारी पार्टी ने हर जिले में इसका प्रचार करने का लक्ष्य बनाया है। डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और BDO स्थानीय ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों के साथ इस प्रचार अभियान में शामिल होंगे।
शुभेंदु अधिकारी ने कार्यक्रम के दौरान आम लोग सवाल पूछने की अपील करते हुए कहा कि राज्य में 8,200 स्कूल क्यों बंद कर दिए गए हैं?, राज्य से 6,888 इंडस्ट्रीज को क्यों बाहर निकाल दिया गया है?, महिलाओं को रात में बाहर न जाने के लिए क्यों कहा गया है?, अभया जैसी घटनाएं आज भी क्यों होती हैं?
शुभेंदु ने कहा कि हम मनरेगा के खिलाफ नहीं हैं। काम शुरू होना चाहिए। इसे साफ-सुथरे तरीके से शुरू किया जाना चाहिए। फर्जी कार्ड रद्द किए जाने चाहिए। 1 करोड़ 25 लाख कार्ड पहले ही रद्द किए जा चुके हैं। अब जॉब कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने के लिए कह रहे हैं। राज्य में कुल 2 करोड़ 56 लाख 38 हजार कार्ड में से 1 करोड़ 97 लाख कार्ड ही सत्यापित हुए हैं। बड़ी संख्या में जॉब कार्ड फर्जी हैं। अधिकारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि फर्जी जॉब कार्ड पर हजारों करोड़ रुपये निकाले गए हैं।