किसी जमाने में कोलकाता में जिसके 2 फ्लैट से ED की तलाशी अभियान में करोड़ों रुपए नगद बरामद हुए थे, रुपयों को गिनने के लिए बैंक से मशीन लाना पड़ गया था। जिसके दो फ्लैट से कुल मिलाकर 50 करोड़ से अधिक रुपए बरामद किए गए थे, आज वहीं दाने-दाने को मोहताज हो गयी है।
शिक्षक नियुक्ति मामले में भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी अर्पिता मुखर्जी को एन्फोर्समेंट डिरेक्टोरेट (ED) ने गिरफ्तार किया था। हाल ही में उन्हें जमानत भी मिली है। लेकिन अब उनके पास खाने के लिए पैसे नहीं है। इस वजह से अर्पिता मुखर्जी ने एक बार फिर से अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
ED की विशेष अदालत में अर्पिता के वकील गोपाल हल्दार ने दावा किया है कि उनके पास खाने-पीने के लिए भी रुपए नहीं है। इसलिए अर्पिता की 3 बैंक अकाउंट जिसे ED ने फ्रीज कर रखा है, उसे फिर से इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाए। सोमवार को यह मामला विचार भवन में ED की विशेष अदालत में सुनवाई के लिए आया।
आवेदनकारी की मांग है कि नियुक्ति संबंधित मामलों के काफी पहले, साल 2004 में ही उन तीनों बैंक अकाउंट को खोला गया था। दावा किया गया है कि इसके साथ भ्रष्टाचार का कोई संबंध नहीं है। इसलिए इन तीनों अकाउंट को चालू कर दिया जाए।
अदालत में अर्पिता के वकील ने दावा किया कि उन तीनों अकाउंट के फ्रीज रहने की वजह से जीवन यापन और यहां तक कि खाने-पीने की वस्तुएं खरीदने में भी उनकी मुवक्किल को काफी परेशानी हो रही है। इससे पहले अर्पिता मुखर्जी ने सिर्फ तीनों अकाउंट को चालू करने का आवेदन किया था।
लेकिन अकाउंट के बंद रहने से अर्पिता के जीवन यापन में क्यों असुविधा हो रही है? इन बैंक अकाउंट में जमा रुपयों का भ्रष्टाचार से कोई संपर्क नहीं है, इन बातों का उल्लेख करते हुए अर्पिता के वकील ने फिर से अदालत में आवेदन किया है। बताया जाता है कि इस मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी।