93 वर्षीया वृद्धा को वृद्धाश्रम भेज दिया गया। राज्य में चल रही SIR की प्रक्रिया के दौरान जब BLO उक्त घर में एन्यूमरेशन फॉर्म लेकर पहुंची तो बेटे-बहू ने बताया कि सास का पता बदल गया है। बाद में वृद्धा ने BLO से संपर्क किया और अपना हक वापस दिलाने की गुहार लगायी। घटना उत्तर कोलकाता के श्यामपुकुर क्षेत्र की बतायी जाती है।
बूथ संख्या 588 की BLO सोहिनी दे ने 25 नवंबर को ही SIR की प्रक्रिया को पूरा कर लिया था। इसके बाद उनसे उक्त वृद्धा की बेटी ने संपर्क किया। बेटी ने बताया कि 93 वर्षीया उनकी मां किसी समय अहिरीटोला में स्थित अपने पति के घर में ही रहती थी। लेकिन अब....
बेटी के माध्यम से वृद्धा ने आरोप लगाया कि पति की मृत्यु के बाद बेटे-बहू ने उन्हें घर से निकाल दिया। फिलहाल वह हाथीबगान के एक वृद्धाश्रम में रहती हैं। बेटी ने BLO से अनुरोध किया कि उनकी मां का पता अपरिवर्तित रखा जाए।
BLO ने क्या बताया?
मीडिया से बात करते हुए BLO सोहिनी दे ने बताया कि गत 7 नवंबर को उन्होंने वृद्धा के घर जाकर 3 एन्यूमरेशन फॉर्म उनकी बहू को दिया था। उस समय उनकी बहू ने बताया कि सास के नाम का 'स्थानांतरित' सूची में उल्लेख किया जाए। सोहिनी दे ने भी उसी आधार पर फॉर्म भर दिया और डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया भी पूरी कर दी।
लेकिन कुछ दिनों बाद ही BLO के पास वृद्धा की बेटी का फोन आता है। बेटी ने BLO से अनुरोध किया कि मां के पते के तौर पर अहिरीटोला के घर का ही उल्लेख किया जाए। अगर ऐसा नहीं होता है तो मां को पेंशन मिलने में दिक्कतें आएंगी। साथ ही कागजातों में अपने पति के घर से अपना रिश्ता तोड़ने के लिए भी वृद्धा राजी नहीं हैं।
बेटी ने BLO को बताया कि उनके पिता एक बैंक में काम करते थे। जिसका फैमिली पेंशन वृद्धा को मिलता है। उस पेंशन से ही वह वृद्धाश्रम में रहने का खर्च देती हैं। पति का घर तो पहले ही छूट चुका है। अब अगर पेंशन भी बंद हो गया तो सिर के ऊपर से छत भी चली जाएगी।
BLO ने उठाया कदम
बताया जाता है कि पूरी बात सुनने के बाद BLO सोहिनी दे खुद को रोक न सकीं। चूंकि उन्होंने पहले ही बहू की दी हुई जानकारी के आधार पर एन्यूमरेशन फॉर्म का डिजिटाइजेशन कर दिया था, इसलिए उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारी व एसीस्टेंट ERO के साथ इस मामले में कई बार बैठक की। सोहिनी का कहना है कि सब कुछ जानने के बाद उस पल से उन्होंने ड्यूटी से अधिक मानवता को महत्व दिया।
सोहिनी दे के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी वृद्धा की मदद करने का फैसला लिया। वृद्धा से SIR के एन्यूमरेशन फॉर्म पर हस्ताक्षर करवाकर उसे ऑनलाइन अपलोड किया गया। सोहिनी दे का कहना है कि मैंने उनके परिचय पत्र में पता को अपरिवर्तित रखने की पूरी कोशिश की है। वृद्धा की आंखों से बहते आंसू रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे। दे ने बताया कि मैंने वृद्धा से वादा किया है कि मैं उनसे मिलने फिर आउंगी।