'BJP के कार्यक्रम में कैसे जाऊं?' ब्रिगेड में गीता पाठ कार्यक्रम में शामिल नहीं होने की बात पर ममता बनर्जी का कटाक्ष

ममता बनर्जी ने कहा कि अगर इमपार्शियल कार्यक्रम होता तो मैं जरूर जाती।

By Sayani Jowardar, Posted By : Moumita Bhattacharya

Dec 08, 2025 15:21 IST

रविवार को ब्रिगेड में पांच लाख लोगों ने 'गीतापाठ' किया। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बुलाया गया था। लेकिन वह नहीं गईं। विपक्षी पार्टियों ने इस बात को लेकर मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है कि ममता बनर्जी गीता पाठ करने के लिए क्यों नहीं गईं? सोमवार को उत्तर बंगाल के दौरे पर जाने से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसका जवाब दिया। संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मैं भाजपा के कार्यक्रम में कैसे जा सकती हूं?

बता दें, रविवार को ब्रिगेड में पांच लाख लोगों ने गीतापाठ किया। इस कार्यक्रम में सिर्फ संत ही नहीं आम लोग और प्रदेश भाजपा के कई बड़े नेता व राज्यपाल सीवी आनंद बोस भी शामिल हुए। हालांकि ब्रिगेड में कहीं भी भाजपा का भगवा झंडा नहीं लहराया था लेकिन मैदान में हर तरफ भाजपा के नेता-मंत्री ही बिखरे हुए बैठे दिखे।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य से लेकर विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी, केंद्रीय राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार, दिलीप घोष, अग्निमित्रा पॉल से लेकर कौन नहीं था यहां? इसके अलावा भाजपा के आम नेता और कार्यकर्ता तो शामिल थे ही।

जब हुमायूं कबीर जैसे पार्टी से सस्पेंड हो चुके विधायक उत्तर प्रदेश के बाबरी मस्जिद को बंगाल में बनाने में व्यस्त थे, ऐसे समय में कई लोगों का मानना ​​है कि इस मंच से भाजपा में हिंदू एकता को मजबूत करने की कोशिश की गयी। वहीं ममता बनर्जी का मानना है कि रविवार का ब्रिगेड भाजपा का ही था।

ममता बनर्जी ने कहा कि अगर इमपार्शियल (बिना किसी पक्षपात के) कार्यक्रम होता तो मैं जरूर जाती। भाजपा के कार्यक्रम में कैसे जाऊं? मैं तो एक पार्टी की सदस्य हूं। हमारा भी कुछ आदर्श है। मैं सभी धर्मों का सम्मान करती हूं। सभी वर्ण और जाति का सम्मान करती हूं। लेकिन जहां भाजपा सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है, वहां मैं कैसे जाऊंगी? जो लोग कहते हैं कि नेताजी से नफरत करते हैं और गांधीजी को नहीं मानते हैं, मैं वहां नहीं जा सकूंगी। मेरे बंगाल की धरती ने मुझे ऐसी शिक्षा नहीं दी है।

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