राज्य में चल रही SIR की प्रक्रिया की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस लगातार विरोध कर रही है। पूरी प्रक्रिया में अनियमितता के अलावा और भी कई आरोप लगाकर अविलंब इसे बंद करने की मांग की जा रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर हड़बड़ाहट में नहीं बल्कि समय लेकर इस प्रक्रिया को पूरा करने का अनुरोध किया है।
इस बीच तृणमूल कांग्रेस के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने आज (28 नवंबर) चुनाव आयोग के साथ दिल्ली में बैठक की। बैठक के बाद तृणमूल का दावा है कि उन्होंने चुनाव आयोग से 5 सवाल पूछे लेकिन किसी भी सवाल का उपयुक्त जवाब नहीं दिया गया।
गत सोमवार को ही तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) ने घोषणा की थी कि अब तृणमूल SIR विरोधी आंदोलन दिल्ली में करेगी। इसके लिए उन्होंने 10 सांसदों की टीम का गठन भी कर दिया था।
चुनाव आयोग से मिलने पहुंचा तृणमूल का प्रतिनिधिमंडल
प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार को दिल्ली में चुनाव आयोग की फुल बेंच से मिलने तृणमूल कांग्रेस का 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल पहुंचा था। बताया जाता है कि लगभग 2 घंटों तक चुनाव आयोग के अधिकारियों के साथ यह बैठक हुई। इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे -
- डेरेक ओ ब्रायन
- कल्याण बनर्जी
- शताब्दी राय
- दोला सेन
- महुआ मैत्रा
- प्रकाश चिक बराइक
- साजदा अहमद
- ममताबाला ठाकुर
- प्रतिमा मंडल
- साकेत गोखले
कौन-कौन से सवाल पूछे गए?
तृणमूल कांग्रेस की तरफ से कौन-कौन से सवाल पूछे गए थे? इसका जवाब देते हुए लोकसभा में पार्टी की उपनेता शताब्दी राय ने मीडिया को बताया-
क्या SIR की प्रक्रिया घुसपैठियों को रोकने के लिए चलायी जा रही है? अगर ऐसा ही है तो फिर बांग्लाभाषियों को क्यों लक्ष्य बनाया जा रहा है? देशभर में बांग्लाभाषियों पर क्यों हमला किया जा रहा है? मिजोरम, त्रिपुरा की तरह किसी राज्य में SIR क्यों नहीं हो रहा है? कहा जा रहा है कि अवैध मतदाताओं को रोकने के लिए SIR किया जा रहा है। तो फिर अवैध मतदाताओं द्वारा निर्वाचित मोदी सरकार फिर वैध कैसे हो सकती है?
शताब्दी राय का कहना है कि हमने सवाल पूछा कि SIR की वजह से अब तक 40 लोगों की मौत हो चुकी है। इन मौतों की जिम्मेदारी क्या आयोग लेगा? उनके परिवारों के लिए आयोग क्या कदम उठा रहा है? अब तक SIR को लेकर तृणमूल ने जो भी आरोप लगाए हैं, उनके आधार पर चुनाव आयोग ने क्या कदम उठाया है?
डेरेक ओ ब्रायन का दावा है कि चुनाव आयोग की ओर से उनको किसी भी सवाल का कोई जवाब नहीं मिला है। तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधियों का दावा है कि चुनाव आयोग ने लगभग 40 मिनट तक तरह-तरह की 'कहानियां' ही बनायी है। लेकिन सीधे-सीधे जो सवाल पूछे गए, उनमें से किसी का भी जवाब नहीं दिया गया है।