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बांग्लादेशी होने के संदेह में महाराष्ट्र की जेल में बंद दो प्रवासी मजदूरों को मिली जमानत, दोनों से मिले अभिषेक बनर्जी

अभिषेक बनर्जी ने उनके साथ होने और हर तरह से कानूनी मदद दिलाने का भरोसा दिलाया।

By Tuhina Mondal, Posted By : Moumita Bhattacharya

Dec 29, 2025 00:01 IST

बांग्लादेशी होने के संदेह में दक्षिण दिनाजपुर जिले के दो प्रवासी मजदूरों को पिछले करीब छह महीने से महाराष्ट्र की एक जेल में बंद रखा गया था। दोनों मजदूरों असित सरकार (54) और गौतम बर्मन (42) के परिवार ने मदद के लिए कई जगहों पर गुहार लगायी। परिवार का दावा है कि बांग्ला भाषा बोलने के आरोप में इन दोनों प्रवासी मजदूरों को बांग्लादेशी करार दे दिया गया था।

मामले की जानकारी मिलने के बाद ही जिला तृणमूल कांग्रेस दोनों परिवारों के साथ खड़ी हुई। आखिरकार दोनों प्रवासी मजदूरों को जमानत पर रिहा कर दिया गया।

शनिवार को दोनों प्रवासी मजदूर असित सरकार और गौतम बर्मन महाराष्ट्र से कोलकाता लाए गए। रविवार की शाम को तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) ने दोनों प्रवासी मजदूरों से मुलाकात की। उन्होंने उनके साथ होने और हर तरह से कानूनी मदद दिलाने का भरोसा दिलाया।

पिछले 6 महीनों से जेल की कालकोठरी में दिन काटने के बाद अपने गृह राज्य में वापस लौटे दोनों प्रवासी मजदूर स्वाभाविक रूप से बहुत खुश दिखे। अभिषेक बनर्जी से मिलने के बाद उनके निर्देश पर ही तृणमूल युवा कांग्रेस के दक्षिण दिनाजपुर जिला अध्यक्ष अंबरीश सरकार दोनों प्रवासी मजदूरों को कोलकाता से वापस घर ले जा रहे हैं।

अगर सब कुछ ठीक रहा तो वे सोमवार को घर पहुंच जाएंगे। तृणमूल नेता अपरूपा पोद्दार ने कहा कि गौतम बर्मन खुद भाजपा के बूथ अध्यक्ष हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि गिरफ्तारी के बाद उनकी पत्नी मदद के लिए केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार के पास गईं थी लेकिन उन्होंने चुप्पी साध ली थी।

गौरतलब है कि बालुरघाट ब्लॉक के लक्ष्मीपुर के रहने वाले असित और गंगारामपुर ब्लॉक के रहने वाले पुलिंदर गौतम काम के सिलसिले में महाराष्ट्र गए थे। उन्हें लगभग छह महीने पहले बांग्लादेशी होने के शक में महाराष्ट्र में गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद से वे लगभग छह महीने तक ठाणे जेल में बंद रहे।

दोनों प्रवासी मजदूरों का परिवार परेशान होकर प्रशासन के दर-दर भटकता रहा। दावा किया जा रहा है कि उन्होंने केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री और इलाके के सांसद सुकांत मजूमदार से भी संपर्क किया। मामले की जानकारी मिलने के बाद जिला तृणमूल नेता उनके परिवार से मिलने पहुंचे। तृणमूल के राज्यसभा सांसद और राज्य प्रवासी मजदूर कल्याण बोर्ड के चेयरमैन समीरुल इस्लाम भी परिवार के साथ खड़े रहे। आखिरकार उन्हें जमानत मिल गई।

इस साल के मध्य से ही तृणमूल ने भाजपा शासित राज्यों में बांग्ला भाषी प्रवासी मजदूरों को परेशान करने का मुद्दा उठाया था। असित और गौतम की गिरफ्तारी की खबर पर राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी ने एक बार फिर से भाजपा पर निशाना साधा है। उनसे मिलने के बाद अभिषेक बनर्जी ने आरोप लगाते हुए कहा कि अगर आप बांग्ला भाषा बोलते हैं तो आपको बांग्लादेशी बताया जा रहा है। पिछले छह महीनों में ऐसी हजारों घटनाएं हुई हैं।

हमने दक्षिण दिनाजपुर के गंगारामपुर और बालुरघाट के दो लोगों को वापस लाया हैं, जिन्हें बांग्लादेशी बताकर महाराष्ट्र की जेलों में भेज दिया गया था। उन दोनों के सांसद सुकांत मजूमदार हैं। वह दिल्ली में सेवा कर रहे हैं। वहीं सांसद सुकांत मजूमदार इस घटना पर कोई टिप्पणी नहीं की। हालांकि इस बारे में भाजपा के जिला सचिव बापी सरकार ने दावा किया कि उन दोनों प्रवासी मजदूरों को केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार की वजह से ही जमानत मिली है।

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