तिरुचि: तमिलनाडु के तिरुचि जिले में 27 और 28 दिसंबर को दो दिवसीय आर्द्रभूमि पक्षी गणना ( वेटलैंड बर्ड सेंसस ) का सफल आयोजन किया गया। इस सर्वेक्षण का उद्देश्य पक्षियों की विविधता, उनकी संख्या और आर्द्रभूमियों की स्थिति का आकलन करना था। अधिकारियों ने रविवार को इसकी जानकारी दी।
यह गणना तिरुचि सर्कल की वन संरक्षक आर. कंचना के निर्देशन में और जिला वन अधिकारी एस. कृतिका के मार्गदर्शन में की गई। इस अभियान में सहायक वन संरक्षक आई. कादर बाशा का भी महत्वपूर्ण सहयोग रहा। पक्षी गणना के दौरान तिरुचि जिले की 20 प्रमुख आर्द्रभूमियों और जलाशयों को कवर किया गया।
इसमें कीरमबुर, अलाथिदैयनपट्टी, सिकाथंबुर, तुरैयूर, कूथप्पर, किलियूर, थलाकुलम, कटायनकुलम, मणप्पराई, थयनूर, तिरुवेरुंबुर, मुक्कोंबु अपर अनैकट सहित आसपास की अन्य आर्द्रभूमियाँ शामिल थीं।
इस गणना का मुख्य उद्देश्य स्थानीय और प्रवासी पक्षियों की प्रजातियों व उनकी आबादी का दस्तावेजीकरण करना, आर्द्रभूमियों की सेहत का मूल्यांकन करना और पक्षी संरक्षण के प्रयासों को मजबूती देना था। इस अभियान में वन विभाग के 80 से अधिक कर्मचारी और लगभग 100 स्वयंसेवकों ने भाग लिया।
स्वयंसेवकों में पक्षी विशेषज्ञ, कॉलेज और स्कूल के छात्र, अस्पताल कर्मी, स्थानीय बर्ड वॉचर्स और आम नागरिक शामिल थे। इससे संरक्षण गतिविधियों में समुदाय की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली। अधिकारियों के अनुसार, इस गणना के दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय पक्षी प्रजातियाँ दर्ज की गईं, जबकि आने वाले दिनों में और अधिक प्रवासी पक्षियों के क्षेत्र में आने की उम्मीद है।
गणना के समापन पर सहायक वन संरक्षक आई. कादर बाशा और फॉरेस्ट रेंज ऑफिसर कृष्णन ने पक्षी विशेषज्ञों और स्वयंसेवकों को उनके योगदान के लिए प्रशंसा प्रमाणपत्र प्रदान किए। इस कार्यक्रम का समन्वय फॉरेस्ट रेंज ऑफिसर रवि और बालू ने किया। अधिकारियों ने कहा कि यह सफल आयोजन वन विभाग और आम जनता के संयुक्त प्रयासों से आर्द्रभूमि संरक्षण और पक्षी सुरक्षा को बढ़ावा देने का उदाहरण है।