यशस्वी जायसवाल के लिए वेस्ट इंडीज में भारत की ओर से पदार्पण की याद सिर्फ रन बनाने की कहानी नहीं है। उनके दिमाग में सबसे उज्जवल वह वादा है जो उन्होंने रोहित शर्मा से मैदान में उतरने से पहले ही प्राप्त किया था। एक साक्षात्कार में पत्रकार बिमल कुमार को दिए गए अपने बयान में जायसवाल ने बताया कि कैसे कप्तान की वह बातचीत उन्हें पहले टेस्ट से पहले एक अजीब सी स्थिरता और अडिग आत्मविश्वास से भर गई थी। रोहित के कुछ आसान लेकिन गहन वाक्य जैसे ही युवा बल्लेबाज के मन में रोशनी जगा गए, जिसने पदार्पण के दबाव को शक्ति में बदल दिया।
यशस्वी दावा करते हैं, 'रोहित भाई ने मुझसे बहुत अच्छे तरीके से बात की। उन्होंने बहुत कुछ कहा, जिससे मुझे बहुत आत्मविश्वास मिला। वह बार-बार कहते रहे, तुम खुलकर और स्वतंत्र रूप से खेलो, आत्मविश्वास के साथ शॉट खेलो लेकिन कोशिश करो, अगर सेट हो गया, तो बड़ी पारी खेलो।'
सबसे महत्वपूर्ण था रोहित की पूर्व योजना। जब भारतीय टीम डोमिनिका जा रही थी, तब कप्तान ने स्पष्ट रूप से जयस्वाल की भूमिका का निर्धारण कर दिया था। जायसवाल याद करते हैं, 'लगभग 15 दिन पहले उन्होंने मुझे बता दिया था। उन्होंने कहा, मैं आपको एक दिन पहले नहीं बताऊंगा कि आप खेल रहे हैं। मैं 15 दिन पहले ही कह रहा हूं— आप खेल रहे हैं। खुद को तैयार करो। हम एक साथ तैयारी करेंगे, और सही तरीके से आगे बढ़ेंगे।'
इस स्पष्टता ने जायसवाल को डराने के बजाय, आत्मविश्वास के साथ उस क्षण को स्वीकार करने में मदद की। उन्होंने कहा, 'जब मुझे पता चला कि मैं पदार्पण करने जा रहा हूँ, तो यह मेरे लिए बहुत खास पल था। इससे पहले मैंने कभी भारत के लिए नहीं खेला था, और यह पहली बार था।'
वैसे, मात्र 21 साल की उम्र में, रोज़ो में वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ पदार्पण टेस्ट में जायसवाल ने शानदार 171 रनों की पारी खेली, जिसमें धैर्य, नियंत्रण और परिपक्वता स्पष्ट थी। दो साल के बाद उनकी टेस्ट करियर में 28 मैचों में 2,511 रन हैं, औसत 49.23, जो उनके शुरुआती दृढ़ता को प्रमाणित करता है।