कानपुर (उत्तर प्रदेश) : कानपुर के लाल लाजपत राय अस्पताल में एक जीवित मरीज को कागज़ों में मृत घोषित किए जाने के मामले में एक जूनियर रेज़िडेंट डॉक्टर और एक नर्स सहित तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। इस गलती के चलते पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया तक शुरू कर दी गई थी, एक अधिकारी ने बताया।
यह चूक शनिवार शाम उस समय सामने आई जब पुलिसकर्मी मेडिसिन वार्ड में शव को मोर्चरी ले जाने पहुंचे, लेकिन वहां मरीज जीवित मिला। यह जानकारी गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य संजय कला ने पीटीआई को दी, जिसके अंतर्गत यह अस्पताल संचालित होता है।
कला ने बताया, “घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की गई है। समिति में उप-प्राचार्य ऋचा अग्रवाल, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सौरभ अग्रवाल और प्रभारी अधीक्षक राकेश सिंह शामिल हैं। उन्हें 48 घंटे के भीतर तथ्यात्मक रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। रिपोर्ट के आधार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
प्राचार्य के अनुसार, मेडिसिन वार्ड नंबर 12 में पास-पास के बिस्तरों पर दो बेसहारा मरीज भर्ती थे।बिस्तर नंबर 42 पर 42 वर्षीय विनोद और बिस्तर नंबर 43 पर लगभग 60 वर्षीय एक अज्ञात बुजुर्ग का था। शनिवार को उपचार के दौरान बुजुर्ग मरीज की मौत हो गई। हालांकि आरोप है कि जूनियर डॉक्टर ने गलती से विनोद की फाइल भर दी और आधिकारिक तौर पर उसे मृत घोषित कर दिया।
इसके बाद पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया के लिए स्वरूप नगर थाने को सूचना भेज दी गई। जब पुलिस शव ले जाने पहुंची तो विनोद को जीवित देखकर वे हैरान रह गए। इस खुलासे से अस्पताल में हड़कंप मच गया। संबंधित जूनियर डॉक्टर ने बाद में अपनी गलती स्वीकार करते हुए माफी मांगी। प्रभारी अधीक्षक राकेश सिंह ने कहा कि यह गलती गलत दस्तावेज़ीकरण के कारण हुई। “जूनियर डॉक्टर ने गलती से गलत मरीज की फाइल भर दी थी। रिकॉर्ड दुरुस्त कर दोबारा पुलिस को भेज दिए गए।”
पुलिस के अनुसार, विनोद के मेडिकल रिकॉर्ड में दर्ज फोन नंबर के आधार पर उसके परिजनों से संपर्क किया गया। वे अस्पताल पहुंचे, उसे जीवित देखकर कुछ देर बाद चले गए।
गोविंद नगर थाने के प्रभारी निरीक्षक रिकेश कुमार सिंह के अनुसार, अज्ञात बुजुर्ग करीब पांच दिन पहले बेहोशी की हालत में मिले थे। पहचान न हो पाने पर पुलिस ने उन्हें लाल लाजपत राय अस्पताल में भर्ती कराया था। उल्टी-दस्त से पीड़ित उस बुजुर्ग की उपचार के दौरान मौत हो गई। उनके शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि विनोद का अस्पताल में इलाज जारी है।