लखनऊः 'थोड़े में संतुष्ट नहीं होते' दामोदर सेठ। करमचा, केकड़े के अंडे, मुड़की का लड्डू, तली हुई भेटकी- कुछ भी छोड़ते नहीं थे। रवींद्रनाथ टैगोर की कविता में दामोदर को खाने के मामले में कोई परहेज नहीं था। लेकिन उत्तर प्रदेश का निवासी सचिन इस मामले में एक कदम आगे है। स्टील का चम्मच, टूथब्रश भी उसके खाने की सूची में है! आखिरकार डॉक्टरों ने सर्जरी करके पेट से इन सभी 'अखाद्य' चीजों को निकाला।
उत्तर प्रदेश के हापुड़ का निवासी सचिन नशे का आदी है। उसे एक नशा मुक्ति केंद्र में भी भर्ती कराया गया था। वह लंबे समय से इलाज करा रहा है। इस बीच अचानक उसने चम्मच, टूथब्रश, पेन निगलना शुरू कर दिया। फिर तो उसे इन सभी चीजों को खाने की लत लग गई।
हालांकि सचिन ने अपनी लत का कारण बताते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। उसका दावा है कि नशा मुक्ति केंद्र में मरीजों की देखभाल ठीक से नहीं की जाती थी। नियमानुसार खाना नहीं दिया जाता था। कई बार मरीजों को बहुत कम मात्रा में खाना दिया जाता था। इसी कारण भूख से परेशान होकर सचिन ने ऐसा करना शुरू किया। वह रसोई से स्टील के चम्मच चुराने लगा। बाथरूम में ले जाकर उसे टुकड़े-टुकड़े करके तोड़कर पानी के साथ निगल लेता था। बाद में उसने टूथब्रश और पेन भी पानी के साथ निगलना शुरू कर दिया। कुछ दिनों बाद तेज पेट दर्द शुरू होने पर यह बात सामने आई।
सचिन के पेट में एंडोस्कोपी करने पर देखा गया कि उसके पेट में प्लास्टिक और धातु की चीजों के टुकड़े मौजूद हैं, जिस कारण वह बीमार पड़ गया था। इसके बाद डॉक्टरों ने सर्जरी करके पेट से उन चीजों को निकाला। अस्पताल से बताया गया है कि वर्तमान में सचिन स्वस्थ हैं।