बरेलीः उत्तर प्रदेश पुलिस में एक बार फिर महिला सशक्तीकरण की सशक्त तस्वीर देखने को मिली। बरेली में हुई हालिया हिंसा के दौरान आईपीएस अंशिका वर्मा ने साहस और मुस्तैदी से हालात संभाले और उपद्रवियों को करारा जवाब दिया। उनका यह साहसी कदम न सिर्फ कानून व्यवस्था बनाए रखने में अहम माना जा रहा है,बल्कि महिलाओं की सुरक्षा और आत्मविश्वास को भी मजबूती देने वाला साबित हुआ।
26 सितंबर को भड़की थी हिंसाः बरेली में 26 सितंबर को कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव और तोड़फोड़ कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। हालात बिगड़ते देख पुलिस तुरंत एक्शन में आई। एसएसपी अनुराग आर्य के नेतृत्व में पुलिस बल ने मोर्चा संभाला। इस दौरान एसपी सिटी मानुष पारीक की टीम पर भी पथराव हुआ, लेकिन उन्होंने धैर्य और साहस से हालात पर काबू पाया।
महिला नेतृत्व ने दिखाई ताकतः इसी दौरान एसपी साउथ अंशिका वर्मा ने महिला पुलिस बल के साथ आज़मनगर क्षेत्र में मोर्चा संभाला। उन्होंने न सिर्फ दंगाइयों को पीछे खदेड़ा, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि महिला अधिकारी किसी भी चुनौती से पीछे नहीं हटतीं। उनकी सक्रियता ने खास तौर पर महिलाओं और युवतियों में सुरक्षा का भरोसा बढ़ाया।
महिलाओं की सुरक्षा बनी प्राथमिकताः घटना के बाद शहर में 8,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। संवेदनशील इलाकों में महिला पुलिस बल की मौजूदगी ने लोगों को राहत दी, खासकर महिलाओं को।
कौन हैं IPS अंशिका वर्मा?: अंशिका वर्मा 2021 बैच, यूपी कैडर की आईपीएस हैं। नोएडा के एक कॉलेज से 2018 में इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 136वीं रैंक हासिल किया और आईपीएस बनीं।