लखनऊः उत्तर प्रदेश के बरेली में हाल में हिंसा मामले की जांच में पुलिस ने तेजी दिखाते हुए अब तक इस मामले में कुल 73 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों में मौलाना तौकीर रजा, डॉ. नफीस और नदीम जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं, जिन्हें घटना का मुख्य साजिशकर्ता माना जा रहा है। पुलिस ने तौकीर रजा के बड़े भाई मन्नानी मियां के दामाद मोहसिन रजा को भी गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने मोहसिन रजा के रिजॉर्ट को सील कर दिया है।
150 करोड़ की सम्पत्तियां जब्तः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस मामले में सख्त रुख अपनाया है और पुलिस को निर्देश दिए हैं कि दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। प्रशासन ने मौलाना तौकीर रजा के करीबियों की लगभग 150 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त कर लिया है। अब प्रशासन उनकी कथित बेनामी संपत्तियों की पहचान कर उस पर भी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।
हिंसा में शामिल लोगों पर सख्त कार्रवाईः हिंसा फैलाने के आरोप में पुलिस ने आईएमसी नेता शमशाद समेत कुल 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार लोगों में न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि बिहार जैसे अन्य राज्यों के लोग भी शामिल हैं। बिहार निवासी नेमतुल्ला और मोहम्मद हरमेंन रजा को भी हिरासत में लिया गया है। सूत्रों के अनुसार हिंसा के लिए बाहरी लोगों को बुलाया गया था। अब तक इस मामले में थाना कोतवाली और थाना बारादरी की साझा कार्रवाई में कुल 73 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
बुलडोजर एक्शनः बरेली में 'आई लव मोहम्मद' की तख्तियां लेकर आला हजरत दरगाह और आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान के घर के बाहर इकट्ठा हुए लोगों के एक समूह द्वारा 26 सितंबर के विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में मंगलवार को मौलाना मोहसिन रजा की गिरफ्तारी के बाद उनकी संपत्ति पर बुलडोजर चला दिया गया। पुलिस ने मोहसिन रजा के घर पर बने अवैध गैराज पर मंगलवार को बुलडोजर चला दिया है। नाले पर अवैध कब्जा कर यह गैराज बनाया गया था।