लखनऊः लखनऊ से अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंचने वाले शुभांशु शुक्ला ने पूरी दुनिया में देश का नाम रोशन किया था। अंतरिक्ष से उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से क्या कहा था? ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला खुलकर बताया। उन्होंने कहा, 'वह पहली बार था जब भारत का राष्ट्रीय ध्वज अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचा था। पहली बार अंतरिक्ष से किसी ने हिंदी में बात की थी। वह याद हमेशा मेरे साथ रहेगी।' उन्होंने कहा था, 'अब हम यहां रहने आए हैं।'
शुभांशु शुक्ला ने भारतीय वायुसेना के मिग-21, मिग-29, सुखोई-30 उड़ाए हैं। इस संदर्भ में शुभांशु कहते हैं, 'जब मैं यह काम कर रहा था, तब समझ नहीं पाया था कि किस तरह की सफलता हासिल कर रहा हूं। भारतीय वायुसेना में शामिल होने का मौका मिलने के लिए खुद को भाग्यशाली महसूस कर रहा था कि इतने प्रकार के लड़ाकू विमान उड़ाने का मौका मिला।'
उन्होंने कहा मेरा संदेश है, 'असफलता से डरने की कोई बात नहीं है। मैंने भी जीवन में बहुत कठिन समय देखा है। असफलता पूरी यात्रा का एक हिस्सा है। हमें अपनी हार का भी जश्न मनाना चाहिए। आने वाली पीढ़ी से कहना चाहूंगा, असफलता किसी चीज का अंत नहीं है, बल्कि यह एक अवसर है, एक सीख है आगे बढ़ने के लिए।'
उल्लेखनीय है कि शुभांशु शुक्ला ने पिछले 25 जून को फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस रिसर्च सेंटर से एक्सिओम-4 स्पेस मिशन के हिस्से के रूप में अंतरिक्ष यात्रा की थी। उनके साथ थे अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के तीन अंतरिक्ष यात्री। यह मिशन सफल करके सभी 15 जुलाई को पृथ्वी पर लौट आए थे।