कानपुरः उत्तर प्रदेश के कानपुर में राजस्व विभाग से जुड़ा एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें कानूनगो आलोक दुबे पर भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग के आरोप लगे हैं। एक शिकायत की जांच के दौरान आलोक दुबे की अनियमितताओं का खुलासा हुआ, जिससे उनके पास मौजूद 41 संपत्तियों की जानकारी सामने आई। जिलाधिकारी के आदेश पर उन्हें कानूनगो पद से हटाकर लेखपाल बना दिया गया है।
कैसे उजागर हुआ मामला?: यह मामला तब उजागर हुआ जब संदीप सिंह ने सिंहपुर कठार और रामपुर भीमसेन की विवादित भूमि को लेकर शिकायत की। इन जमीनों पर न तो विक्रेता का नाम खतौनी में दर्ज था और न ही बिक्री की कानूनी अनुमति प्राप्त थी।
जांच में अनियमितताएं प्रकाश में आयींः जांच में पाया गया कि आलोक ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए विवादित जमीनों का अवैध रूप से हस्तांतरण किया। उनके कार्यों में हितों का टकराव, मिलीभगत और नियमों की अनदेखी स्पष्ट रूप से देखी गई। यही चूक उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई का आधार बनी।
प्राथमिकी और विभागीय कार्रवाईः मार्च 2025 में थाना कोतवाली में दर्ज एफआईआर के बाद उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू हुई। सहायक महानिरीक्षक (निबंधन) की रिपोर्ट में बताया गया कि दुबे कुल 41 संपत्तियों में संलिप्त पाए गए। इन संपत्तियों के अधिग्रहण में उन्होंने नियमानुसार अनुमति नहीं ली और सरकारी सेवा आचरण नियमों का उल्लंघन किया।
डिमोशन और अनुशासनात्मक कार्रवाईः जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आलोक को कानूनगो पद से पदावनत कर लेखपाल बना दिया। पुलिस इस मामले में शीघ्र ही चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी कर रही है।