पश्चिम बंगाल समेत देश के 12 राज्यों में जहां मतदाता सूची में गहन संशोधन यानी SIR का काम चल रहा है, वहां BLO 'काम का अत्यधिक बोझ' होने की शिकायत कर रहे हैं। कई राज्यों में तो आरोप लगाया जा रहा है कि काम के बोझ की वजह से BLO की मौत तक हो गयी है या आत्महत्या कर ली है। वहीं दूसरी तरफ समय पर काम पूरा न होने की वजह से 100 से ज्यादा BLO को सेवा समाप्ति का नोटिस जारी कर दिया गया है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार डिजिटाइजेशन यानी एन्यूमरेशन फॉर्म जमा करने और सत्यापन करके ऑनलाइन मतदाता सूची में फाइनल नाम जोड़ने के काम के काम में देरी होने की वजह से नोएडा जिला प्रशासन ऐसे कठोर कदम उठाने जा रही है। बताया जाता है कि है कि 181 BLO को सेवा समाप्ति का नोटिस जारी किया जा रहा है। आरोप है कि जिन BLO को सेवा समाप्ति का नोटिस दिया गया है उन्होंने डिजिटाइजेशन का 5 प्रतिशत काम भी पूरा नहीं किया है।
बताया जाता है कि ये सभी आंगनवाड़ी कर्मी हैं। जिला प्रशासन सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक करीब 1,86,885 मतदाताओं का नाम डिजिटल सिस्टम में जोड़ने का काम अभी भी बाकी है। गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO) मेधा रूपम के ऑफिस से मिली जानकारी के मुताबिक, इन BLO को डिजिटाइजेशन का काम पूरा करने के लिए कई समयसीमाएं दी गईं थी, लेकिन उन्होंने आदेशों का पालन नहीं किया। आरोप है कि वह अपनी ड्यूटी को पूरा करने में असफल रहे।
मेधा रूपम का कहना है कि बार-बार चेतावनी देने और समय बढ़ाने के बावजूद, इस महत्वपूर्ण काम में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के अलावा कोई चारा नहीं था। इसके अलावा जिला निर्वाचन अधिकारी ने 191 सहायक शिक्षकों और 113 शिक्षा मित्रों के खिलाफ जांच के भी आदेश दिए हैं। बताया जाता है कि उन्होंने डिजिटाइजेशन का काम 15 प्रतिशत से कम ही पूरा किया है। मेधा रूपम ने शुक्रवार को SIR प्रक्रिया को लेकर सारी जानकारियां हासिल करने के बाद ही यह आदेश दिया।
BLO और सुपरवाइजर के खिलाफ FIR
जिला प्रशासन ने 60 BLO और 7 सुपरवाइजर के खिलाफ FIR दर्ज की है। इन सभी पर सरकारी आदेशों की अवहेलना करने और बात न मानने और उन्हें नजरंदाज करने का आरोप है। हालांकि सेवा समाप्ति का नोटिस जारी होने के बाद SIR के काम की रफ्तार में कमी आने का खतरा भी पैदा हो गया है। जिलाधिकारियों का दावा है कि दूसरे तरीकों से इस काम में तेजी लाने की कोशिश की जा रही है। जिन जगहों पर गैरजिम्मेदार कर्मचारियों की सेवा समाप्त की जा रही है, वहां तुरंत नए और जिम्मेदार कर्मचारियों को नियुक्त किया जा रहा है ताकि मतदाता सूची में गहन संशोधन का काम समय पर पूरा हो सके।
SIR के काम में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ लिए गए इतने कठोर फैसले से देश भर में हलचल मच गयी है। माना जा रहा है कि इस घटना का असर सिर्फ नोएडा या उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश और खासतौर पर उन राज्यों पर पड़ेगा जहां SIR की प्रक्रिया चल रही है। इससे यह डर भी सामने आ रहा है कि अब BLO पर काम का और भी अधिक मानसिक दबाव बढ़ेगा।
इस बारे में नोएडा जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि मतदाता सूची में बदलाव करने में BLO की भूमिका बहुत अहम होती है। उनका काम घर-घर जाकर नए वोटरों की जानकारी इकट्ठा करना, मृत या कहीं और गायब हो चुके वोटरों के नाम लिस्ट से हटाना और सबसे बढ़कर सारी जानकारी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपलोड करना है। इस काम में जरा सी भी लापरवाही चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर बड़े सवाल खड़े कर सकती है।