उत्तर प्रदेशः वृद्धावस्था पेंशन, क़िरायेदारी व श्रमिक सुरक्षा में सुधारों को कैबिनेट की मंजूरी

By डॉ. अभिज्ञात

Nov 14, 2025 19:20 IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने विभिन्न महत्वपूर्ण सुधारों को मंजूरी दी है, जिनमें वृद्धावस्था पेंशन प्रणाली, क़िरायेदारी नियमों और श्रमिक सुरक्षा से संबंधित बदलाव शामिल हैं। ये सुधार राज्य के नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाने के उद्देश्य से किए गए हैं। यह सभी निर्णय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिए गए।

वृद्धावस्था पेंशन प्रणाली में सुधारः उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने वृद्धावस्था पेंशन प्रणाली में एक महत्वपूर्ण सुधार को मंजूरी दी। अब से वरिष्ठ नागरिकों को पेंशन के लिए अलग से आवेदन नहीं करना पड़ेगा। 'एक परिवार, एक पहचान' प्रणाली के तहत, परिवार ID के जरिए पात्र लाभार्थियों की पहचान स्वचालित रूप से की जाएगी। इसके बाद पेंशन की स्वीकृति के लिए लाभार्थी की सहमति ली जाएगी। सामाजिक कल्याण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आसिम अरुण ने बताया कि इस प्रणाली के तहत 60 वर्ष के आसपास पहुंचने वाले व्यक्तियों की पहचान डिजिटल रूप से की जाएगी और उन्हें सहमति प्राप्त करने के लिए SMS, व्हाट्सएप या फोन कॉल के माध्यम से संपर्क किया जाएगा। यदि डिजिटल सहमति प्राप्त नहीं होती तो स्थानीय अधिकारियों द्वारा व्यक्तिगत रूप से संपर्क किया जाएगा। सहमति मिलने के 15 दिनों के भीतर पेंशन स्वीकृत कर दी जाएगी और यह सीधे आधार लिंक्ड बैंक खाते में जमा की जाएगी।

क़िरायेदारी नियमों में सुधारः कैबिनेट ने क़िरायेदारी नियमों को सरल बनाने के लिए एक प्रस्ताव को मंजूरी दी। अब 10 वर्षों तक के किरायेदारी समझौतों पर स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क में छूट दी जाएगी। यह कदम लिखित और पंजीकृत किरायेदारी समझौतों को बढ़ावा देने और अनौपचारिक समझौतों से उत्पन्न होने वाले विवादों को कम करने के लिए उठाया गया है। इसके अंतर्गत 2 लाख रुपये तक के किरायेदारी समझौतों पर स्टांप ड्यूटी 500 रुपये कर दी गई है।

श्रमिक सुरक्षा में सुधारः कैबिनेट ने 1962 के 'दुकान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों अधिनियम' में संशोधन को मंजूरी दी जिससे अब यह पूरे राज्य में लागू किया जाएगा। श्रम मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि इस संशोधन का उद्देश्य श्रमिकों की सुरक्षा को बढ़ाना है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट के सचिवों की पदोन्नतिः उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के 156 निजी सचिवों को ग्रेड-1 में पदोन्नति देने को मंजूरी दी।

मेडिकल कॉलेज के लिए ज़मीन का ट्रांसफरः कैबिनेट ने बागपत जिले में मछली पालन विभाग की 5.07 हेक्टेयर ज़मीन को मेडिकल शिक्षा विभाग को ट्रांसफर करने की मंजूरी दी, जिसमें एक विवादित 0.53 हेक्टेयर ज़मीन को छोड़ दिया गया है। यह ज़मीन सार्वजनिक-निजी साझेदारी मॉडल के तहत मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए उपयोग की जाएगी।

लेखपाल सेवा नियमों में संशोधनः कैबिनेट ने यूपी लेखपाल सेवा नियमों में संशोधन किया, जिसके तहत लेखपाल के सहायक (चैनमेन) में से 2 प्रतिशत को लेखपाल के पद पर पदोन्नति का अवसर मिलेगा।

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