लखनऊः दिल्ली में लाल किले के पास हुए भयानक विस्फोट ने उत्तर प्रदेश के तीन परिवारों को गहरे शोक में डुबो दिया है। इस धमाके में 12 निर्दोष लोगों की मौत हुई और कई घायल हुए। विस्फोट की खबर ने श्रावस्ती और अमरोहा के तीन परिवारों को हताशा और दुःख में डाल दिया है। मृतक परिवारों के सदस्य न केवल अपने प्रियजनों को खोने का दुःख झेल रहे हैं, बल्कि उनके बच्चों की भविष्य की चिंता में भी हैं।
श्रावस्ती में दिनेश मिश्रा की मौत से शोकः विस्फोट में दिनेश मिश्रा की मौत की खबर मिलने के बाद श्रावस्ती में शोक का माहौल है। दिनेश चिकनी पुरवा गणेशपुर, इकौना क्षेत्र के निवासी थे। लगभग 12 साल से दिल्ली में रहकर चावड़ी बाजार में कार्ड की दुकान में काम कर रहे थे। परिवार ने टीवी पर खबर देखकर उन्हें कॉल करने की कोशिश की, लेकिन उनका फोन बंद मिला। जब दिल्ली में रहने वाले दिनेश के भाई से संपर्क हुआ तब उनके निधन की पुष्टि हुई। दिनेश की पत्नी रीना और उनके तीन बच्चों समेत पूरा परिवार सदमे में है। दिनेश के पिता भुराई ने कहा कि नरेश मेहनती व्यक्ति थे, जो अपने परिवार के लिए कमाई करने दिल्ली गए थे। उनका शव अंतिम संस्कार के लिए लाया जा रहा है।
अमरोहा में मृतकों के परिवार की मदद की गुहार: अमरोहा जिले के अशोक और उनके मित्र लोकश अग्रवाल भी लाल किले विस्फोट में मारे गए। अशोक के पीछे उनकी दो बेटियाँ और छह वर्षीय बेटा हैं। उनके परिवार के सदस्यों ने बताया कि उन्हें नहीं पता कि अब बच्चों की परवरिश कैसे होगी। अशोक की बहन भूरी और भाभी सुमति ने सरकार से बच्चों की देखभाल के लिए सरकार से सहायता की मांग की है। विस्फोट ने पूरे परिवार को सदमे में डाल दिया। लोकश भी अशोक से मिलने के लिए दिल्ली गए थे और वहीं विस्फोट में उनकी मौत हो गई। स्थानीय विधायक महेन्द्र सिंह खड़कवंशी ने दोनों मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा कि यह उनके लिए अपूरणीय क्षति है।