लखनऊ: विशेष रूप से सक्षम बेटी और अपनी देखभाल के लिए एक दंपती को नियुक्त करना शायद एक पूर्व रेलकर्मी के जीवन की सबसे बड़ी भूल साबित हुई। सोमवार को 70 वर्षीय पूर्व रेलकर्मी ओमप्रकाश राठौर की मौत के बाद यही सवाल उठ रहे हैं। उनके परिवार का आरोप है कि भोजन न मिलने के कारण ओमप्रकाश बेहद कमजोर हो गए थे। परिजनों ने उनकी बेटी को घर के एक अंधेरे कमरे से अर्धनग्न अवस्था में बरामद किया। परिवार का दावा है कि बुजुर्ग और उनकी बेटी की देखभाल की जिम्मेदारी संभाल रहे केयरटेकर दंपती पिछले पांच वर्षों से दोनों पर अत्याचार कर रहे थे। जिसका नतीजा यह हुआ। इस मामले में थाने में शिकायत भी दर्ज कराई गई है।
यह घटना उत्तर प्रदेश के महोबा जिले की है। ओमप्रकाश रेलवे में क्लर्क के पद पर कार्यरत थे। उनकी 27 वर्षीय बेटी रेशमी विशेष रूप से सक्षम हैं। वर्ष 2016 में ओमप्रकाश की पत्नी का निधन हो गया था। इसके बाद वे अपनी बेटी के साथ एक नए घर में रहने लगे। ओमप्रकाश के भाई अमर सिंह के अनुसार वर्ष 2019 में उन्होंने अपनी बेटी की देखभाल के लिए राम प्रकाश कुशवाहा और उनकी पत्नी रामदेवी को नियुक्त किया था। आरोप है कि दंपती ने चालाकी से ओमप्रकाश का पूरा घर अपने कब्जे में ले लिया। उन्होंने बुजुर्ग और उनकी बेटी को घर के नीचे असुविधाजनक हालात में रहने को मजबूर किया, जबकि खुद ऊपर आराम से रहने लगे। यह भी आरोप है कि जब कोई रिश्तेदार उनसे मिलने आते, तो यह दंपती मिलने नहीं देते थे।
सोमवार को ओमप्रकाश की मौत की खबर उनके रिश्तेदारों को मिली। मौके पर पहुंचने पर उन्होंने देखा कि ओमप्रकाश का शव क्षत-विक्षत अवस्था में था। उनकी बेटी को एक अंधेरे कमरे से नग्न अवस्था में बाहर निकाला गया। परिजनों के अनुसार युवती बेहद थकी हुई लग रही थी और साफ लग रहा था कि उसे लंबे समय से पर्याप्त भोजन नहीं मिला था। तुरंत ही पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने पूर्व रेलकर्मी के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और राम प्रकाश तथा उसकी पत्नी से पूछताछ कर रही है। जांचकर्ताओं का कहना है कि मामले के सभी पहलुओं की जांच की जाएगी। फिलहाल रेशमी अपने रिश्तेदारों के साथ रह रही हैं।
ओमप्रकाश के पड़ोसियों का कहना है कि उन्हें सूट और टाई पहनना पसंद था और वे हमेशा सलीके से रहते थे। जीवन के अंतिम दौर में उनकी ऐसी हालत होगी, यह बात वे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं।