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उतार-चढ़ाव भरे 2025 में निवेशकों की दौलत ₹30.20 लाख करोड़ बढ़ी, बाजार रहा मजबूत

घरेलू निवेशकों के भरोसे टिका बाजार, सेंसेक्स में करीब 8% की बढ़त

By श्वेता सिंह

Dec 30, 2025 13:15 IST

नई दिल्ली: वर्ष 2025 भारतीय शेयर बाजार के लिए चुनौतियों और संतुलन का साल रहा। विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली, वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव, टैरिफ को लेकर अनिश्चितता, ऊंचे वैल्यूएशन और कमजोर होती रुपये की चाल के बावजूद घरेलू निवेशकों के मजबूत समर्थन से बाजार ने खुद को संभाले रखा। इसका नतीजा यह रहा कि साल के दौरान निवेशकों की संपत्ति में करीब ₹30.20 लाख करोड़ की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

बीएसई का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स वर्ष के अंत तक लगभग 8 प्रतिशत से अधिक चढ़ा और दिसंबर की शुरुआत में अपने अब तक के सर्वोच्च स्तर पर पहुंचा। इस दौरान बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण बढ़कर करीब ₹472 लाख करोड़ से अधिक हो गया, जो निवेशकों के भरोसे और बाजार की गहराई को दर्शाता है।

विदेशी बिकवाली के बीच घरेलू निवेशकों का सहारा

विशेषज्ञों का मानना है कि 2025 में भारतीय बाजार की सबसे बड़ी ताकत घरेलू निवेशक रहे। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार भले ही विदेशी संस्थागत निवेशकों ने रिकॉर्ड स्तर पर पूंजी निकाली, लेकिन एसआईपी के जरिए लगातार निवेश, खुदरा भागीदारी में बढ़ोतरी और भारत की दीर्घकालिक विकास कहानी पर भरोसे ने बाजार को स्थिर बनाए रखा।

हालांकि साल भर कॉरपोरेट आय में सुस्ती, ऊंचे वैल्यूएशन और रुपये में कमजोरी जैसी घरेलू चुनौतियां बनी रहीं। वहीं वैश्विक स्तर पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीति, भू-राजनीतिक तनाव और जोखिम से बचने की प्रवृत्ति ने बाजार की चाल को प्रभावित किया।

आईपीओ गतिविधियों से भी मिला समर्थन

2025 में प्राथमिक बाजार भी काफी सक्रिय रहा। कई बड़े आईपीओ आए, जिनसे निवेशकों की रुचि बनी रही और बाजार में नई ऊर्जा देखने को मिली। बड़े इश्यूज़ ने न केवल पूंजी बाजार को गहराई दी, बल्कि सेकेंडरी मार्केट में भी सकारात्मक माहौल बनाए रखने में मदद की।

कंसॉलिडेशन का साल रहा 2025

बाजार जानकारों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में मजबूत दोहरे अंकों की रिटर्न के बाद 2025 को इक्विटी बाजार के लिए कंसॉलिडेशन और ‘मीन रिवर्ज़न’ का साल कहा जा सकता है। साल की पहली तिमाही में दबाव और करेक्शन देखने को मिला, लेकिन अप्रैल के बाद बड़े शेयरों में धीरे-धीरे रिकवरी दर्ज की गई।

शीर्ष कंपनियों में बना रहा भरोसा

मार्केट वैल्यू के लिहाज से रिलायंस इंडस्ट्रीज देश की सबसे मूल्यवान कंपनी बनी रही। इसके बाद बैंकिंग, आईटी और टेलीकॉम सेक्टर की दिग्गज कंपनियों ने शीर्ष सूची में अपनी जगह बनाए रखी, जो भारतीय अर्थव्यवस्था की विविध मजबूती को दर्शाता है।

कुल मिलाकर, 2025 भारतीय शेयर बाजार के लिए न तो बेहद तेज़ी का साल रहा और न ही बड़ी गिरावट का। यह साल संतुलन, धैर्य और घरेलू निवेशकों के भरोसे का प्रतीक बनकर सामने आया।

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