राजस्थान के सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग (DOIT) के संयुक्त निदेशक प्रद्युमन दीक्षित ने अपनी पत्नी पूनम दीक्षित (पूनम पांडे) को दो कंपनियों में फर्जी नौकरी दिलाई। पूनम ने कभी ड्यूटी पर रिपोर्ट नहीं किया, बावजूद इसके उसे नियमित वेतन मिलता रहा। मामला सार्वजनिक होते ही प्रशासन में हलचल मच गई है।
राजस्थान के सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग (DOIT) के संयुक्त निदेशक प्रद्युमन दीक्षित पर गंभीर आरोप लगे हैं। उनके खिलाफ यह आरोप है कि उन्होंने अपनी पत्नी पूनम दीक्षित (उर्फ पूनम पांडे) को दो कंपनियों में फर्जी तरीके से नौकरी दिलाई। जांच में सामने आया है कि पूनम ने कभी भी ड्यूटी पर रिपोर्ट नहीं किया, बावजूद इसके उसे 37.54 लाख रुपये का वेतन नियमित रूप से मिला। यह मामला प्रशासन और मीडिया में तेजी से चर्चा का विषय बन गया है।
मिली जानकारी के अनुसार, पूनम दीक्षित को दो अलग-अलग कंपनियों में नौकरी दिलाई गई थी। उसने कभी भी कार्यालय में उपस्थिति दर्ज नहीं कराई, लेकिन उसे कई महीनों तक सैलरी मिलती रही। कुल मिलाकर, बिना किसी काम के पूनम ने दो कंपनियों से 37.54 लाख रुपये का भुगतान प्राप्त किया। इस घोटाले ने विभाग में कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह फर्जीवाड़ा तब सामने आया जब विभागीय ऑडिट और वेतन रिकॉर्ड की जांच की गई। अधिकारियों ने देखा कि पूनम दीक्षित का नाम कर्मचारियों की लिस्ट में शामिल था, लेकिन उसकी कोई उपस्थिति या कार्य रिकॉर्ड नहीं मिला। इसके बाद विभाग ने मामले की जांच शुरू की और सभी वेतन भुगतान रिकॉर्डों की छानबीन की गई। जांच में यह पता चला कि पूनम ने बिना काम किए ही बड़ी रकम अर्जित की।
यह मामला सामने होते ही प्रशासनिक अधिकारी एक्टिव हो गए हैं। राजस्थान सरकार और DOIT ने जांच टीम को निर्देश दिए हैं कि वे सभी दस्तावेज़ और कंपनियों के रिकॉर्ड की पड़ताल करें। जांच में यह देखा जाएगा कि कितने समय तक यह घोटाला चलता रहा और इस प्रक्रिया में कौन-कौन शामिल था। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है।
दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी
यह मामला राजस्थान में सरकारी विभागों में पारदर्शिता और जिम्मेदारी की आवश्यकता को उजागर करता है। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में ऐसे घोटालों को रोकने के लिए नियमों को और सख्त किया जाएगा।