परिवार के लोगों की इच्छा थी कि बेटा डॉक्टर बने। इसी कारण अपनी परिवार वालों ने तीन बीघा जमीन बेचकर बेटे को डॉक्टरी पढ़ने के लिए भेजा था। लगभग 19 दिन लापता रहने के बाद रूस में बेटा अजित सिंह चौधुरी का शव बरामद हुआ है। अब उसके शव के वापस आने का इंतजार कर रहा है राजस्थान के अलवर के अजित सिंह का परिवार। किस कारण से अजित की मृत्यु हुई है यह जानना चाहते हैं परिवार वाले।
अलवर के कफनवाड़ा इलाके के लक्ष्मणगढ़ के निवासी 22 वर्षीय अजित ने 2023 में रूस के बाशकिर स्टेट मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरी पढ़ने के लिए दाखिला लिया था। वे वहीं के हॉस्टल में रहते थे। जानकारी के अनुसार वे 19 अक्टूबर सुबह 11 बजे के आसपास हॉस्टल से दूध खरीदने के लिए निकले थे। उसके बाद से ही उनका कोई पता नहीं चल रहा था। गुरुवार को रूस के उफा शहर में व्हाइट रिवर नदी के बांध के पास से उनका शव बरामद हुआ है, यह बात परिवार वालों को विदेश मंत्रालय ने बताया है लेकिन किस कारण से अजित की मृत्यु हुई है यह अभी भी स्पष्ट नहीं है। इसके पीछे क्या साजिश है, किसकी मिलीभगत है, यह अब संशय बना हुआ है।
अजित के चाचा राजेंद्र सिंह ने बताया है कि अपनी तीन बीघा जमीन बेचकर रुप सिंह चौधुरी ने बेटे को डॉक्टरी पढ़ने के लिए रूस भेजा था। बेटे की मृत्यु की खबर सुनकर पूरा परिवार सदमे में हैं। अब किस कारण से अजित की मृत्यु हुई है यह जानने के लिए इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'कब अजित का पोस्टमार्टम होगा और हम कब उसका शव वापस पाएंगे यह नहीं पता।'
वहीं दूसरी ओर अलवर सरस डेयरी के चेयरमैन नितिन सागवान ने बताया है कि अजित के परिवार वाले इस बीच विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह से बात कर चुके हैं। अजित के शव को वापस लाने के लिए विदेश मंत्रालय रूस में स्थित भारतीय दूतावास और वहां के प्रशासन के साथ नियमित संपर्क बनाए हुए है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह अलवर ने इस मृत्यु की घटना में जांच की मांग की है। इस बारे में केंद्र के हस्तक्षेप की भी मांग की है। केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी अजित के शव को जल्दी वापस लाने का अनुरोध किया गया है।