राजस्थान के प्रसिद्ध पुष्कर पशु मेले में इस बार घोड़ों की बिक्री पर 5% जीएसटी लागू कर दिया है। जिसमें कर विभाग के सख्त निर्देशों से व्यापार में भी पारदर्शी बनेगी।
राजस्थान के मशहूर पुष्कर पशु मेले में इस बार घोड़ों का व्यापार थोड़ा महंगा हो गया है। राज्य कर विभाग ने साफ कर दिया है कि जीवित घोड़ों की बिक्री पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। यह फैसला मेले को और पारदर्शी बनाने के लिए लिया गया है। व्यापारी अब टैक्स देकर ही सौदे कर सकेंगे।
विभागों का सख्त निर्देश
कर विभाग के उपायुक्त ने पशुपालन विभाग को पत्र भेजकर नियम स्पष्ट किए हैं। पत्र में कहा गया है कि घोड़ा बेचने या खरीदने वाले हर व्यापारी को जीएसटी नियमों का पालन करना होगा। सबसे खास बात यह है कि कोई भी सौदा होने से पहले पशुपालन विभाग को सूचना देनी जरूरी है। यह जानकारी वाणिज्यिक कर विभाग तक पहुंचेगी और वहां से टैक्स वसूली होगी। इससे गड़बड़ी की गुंजाइश कम हो जाएगी।
मेला पहले से गुलजार
पुष्कर मेला हर साल घोड़ों के बड़े बाजार के लिए जाना जाता है। राजस्थान के अलावा पड़ोसी राज्यों से सैकड़ों व्यापारी यहां पहुंचते हैं। इस बार भी हजारों घोड़े मेले में आ चुके हैं। व्यापार ने रफ्तार पकड़ ली है। ऊंट गाय भैंस के साथ घोड़ों की चमक अलग ही दिखती है। खरीदार अच्छी नस्ल के घोड़ों की तलाश में हैं।
जानें क्यों लग रहा जीएसटी
सरकार का मानना है कि बड़ा व्यापार हो रहा है तो टैक्स भी देना चाहिए। इससे राजस्व बढ़ेगा और मेले की व्यवस्था सुधरेगी। पहले कई सौदे बिना रिकॉर्ड के हो जाते थे। अब हर लेनदेन पर नजर रहेगी। व्यापारी कहते हैं कि नियम अच्छे हैं लेकिन अमल आसान होना चाहिए।
व्यापारियों की तैयारी
कई व्यापारी पहले से जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। नए लोग दफ्तर में पहुंचकर फॉर्म भर रहे हैं। विभाग के अधिकारी मौके पर मार्गदर्शन दे रहे हैं। एक व्यापारी ने बताया कि टैक्स देने से सौदा कानूनी हो जाता है और बाद में विवाद नहीं होता। पुष्कर मेला सिर्फ व्यापार नहीं संस्कृति का मेला है। घोड़ों पर जीएसटी नया कदम है जो मेले को आधुनिक बना रहा है। अगर आप घोड़ा खरीदने या बेचने जा रहे हैं तो नियम जरूर जान लें।