सेना के दक्षिणी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ ने मंगलवार को चल रहे "एक्सरसाइज त्रिशूल" के दौरान आर्मी एविएशन की ऑपरेशनल तत्परता और इंटीग्रेशन की व्यापक समीक्षा की।
24x7 अग्रिम ऑपरेटिंग बेस का निरीक्षण
लेफ्टिनेंट जनरल सेठ ने जैसलमेर स्थित एक अग्रिम एविएशन ऑपरेटिंग बेस का दौरा किया, जो एक्सरसाइज मरु ज्वाला और एक्सरसाइज अखंड प्रहार के तहत रेगिस्तानी सेक्टर में जमीनी बलों के साथ 24x7 दिन-रात संचालन में लगा हुआ है।
सेना के आधिकारिक बयान के अनुसार, समीक्षा के दौरान नए प्लेटफॉर्म्स के इंडक्शन, स्थितिजन्य जागरूकता में सुधार और सटीक प्रभाव डिलीवरी पर ध्यान केंद्रित किया गया।
साथ ही कमांड और कंट्रोल सिस्टम तथा डिजिटल युद्धक्षेत्र की दिशा में प्रगति पर भी जोर दिया गया, जिससे निर्णय लेने की गति बढ़ाई जा सके और मिशन निष्पादन का समय घटाया जा सके।
रोटरी विंग और जमीनी बलों के बीच तालमेल पर फोकस
एएनआई की रिपोर्रट के मुताबिक रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं (TTPs) की गहन समीक्षा की गई ताकि उच्च-गति वाले अभियानों के दौरान हेलिकॉप्टर और जमीनी बलों के बीच बेहतर इंटरऑपरेबिलिटी सुनिश्चित की जा सके।
सेना प्रमुख ने ऐसे प्रक्रियात्मक सुधारों के निर्देश दिए जिनसे सेंसर-टू-शूटर टाइमलाइन कम हो और जटिल वातावरण में सर्वाइवल क्षमता बढ़े।
महिला पायलटों की भूमिका और योगदान की सराहना
मानव संसाधन की भूमिका को रेखांकित करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल सेठ ने अग्रिम मोर्चे के एयरक्रू से मुलाकात की जिनमें ALH-WSI रुद्र प्लेटफॉर्म उड़ाने वाली महिला पायलट भी शामिल थीं।
उन्होंने उनके पेशेवर रवैये और ऑपरेशनल क्षमता में योगदान की प्रशंसा की। साथ ही मेंटेनेंस और लॉजिस्टिक सपोर्ट सिस्टम की भी समीक्षा की जो सतत अभियानों के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।
आर्मी एविएशन की क्षमता पर संतोष व्यक्त
इस दौरे ने रेगिस्तानी क्षेत्र में आर्मी एविएशन की स्ट्राइक और रिकॉनिसेंस क्षमता को प्रमाणित किया और संयुक्तता, नवाचार और तत्परता की आवश्यकता को दोहराया।
कमांडर ने इकाइयों के उच्च प्रशिक्षण स्तर की प्रशंसा करते हुए कहा कि मल्टी-डोमेन इंटीग्रेशन को और मजबूत किया जाए ताकि सेना का ऑपरेशनल एडवांटेज बरकरार रहे। उन्होंने वास्तविकता आधारित प्रशिक्षण, जोखिम प्रबंधन और तेजी से सीखने की प्रक्रिया पर भी जोर दिया जिससे सिद्धांत व्यवहारिक रूप से लागू और टिकाऊ क्षमताओं में बदल सकें।
बाड़मेर में भारतीय वायुसेना का “महा गजराज” अभ्यास
उधर राजस्थान के बाड़मेर में भारतीय वायुसेना की दक्षिण पश्चिमी वायु कमान ने “एक्सरसाइज महा गजराज” आयोजित की। इस अभ्यास में फाइटर और ट्रांसपोर्ट विमानों ने भारतमाला हाईवे 925 पर बनी एयरस्ट्रिप पर लैंडिंग का अभ्यास किया। अभ्यास में C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, जैगुआर फाइटर जेट और सुखोई जेट ने युद्धाभ्यास में हिस्सा लिया।