जैसलमेर में हुए एक भीषण सड़क हादसे में एक निजी AC स्लीपर बस में आग लग गयी। बताया जाता है कि इस हादसे में करीब 20 लोग जिंदा जल गए जबकि 30 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से झुलस गए हैं। मरने वालों में महिलाएं व बच्चे भी शामिल हैं। यह हादसा जैसलमेर जिला मुख्यालय से महज 20 किलोमीटर की दूरी पर थैयत गांव में दोपहर को लगभग 3.30 बजे के आसपास हुआ बताया जाता है। प्राथमिक जांच से पता चला है कि AC स्लीपर बस में आग शॉर्ट सर्किट की वजह से या इंजन का गर्म होना बताया जा रहा है।
पल भर में आग की लपटों से घिर गया
आज तक की मीडिया रिपोर्ट में प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से बताया जा रहा है कि दोपहर को लगभग 3 बजे यह बस जैसलमेर से 50 से ज्यादा यात्रियों को लेकर रवाना हुई थी। जिस समय बस थैयत गांव को पार कर रही थी, तब बस के पिछले हिस्से में धुआं उठता हुआ नजर आया। इसके कुछ पलों में ही आग की लपटों ने बस को चारों तरफ से घेर लिया। आग को तेजी से फैलता देख यात्रियों में अफरा-तफरी और चीख-पुकार मच गयी। कुछ यात्री ने किसी तरह से बस की खिड़की को तोड़कर बाहर कुदकर अपनी जान बचायी।
20 यात्रियों के मरने की पुष्टी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह बस जैसलमेर से जोधपुर जा रही थी। पोखरण के विधायक प्रताप पुरी ने इस हादसे में 20 लोगों के मरने की पुष्टी की है। बताया जाता है कि लगभग 70 प्रतिशत झुलस चुके 16 यात्रियों का इलाज जोधपुर के मथुरादास अस्पताल में किया जा रहा है। वहीं अन्य घायल यात्री जोधपुर की अस्पताल में इलाजरत हैं। बताया जाता है कि मृतक यात्रियों में से 8 की अब तक पहचान हो चुकी है। सभी राजस्थान के ही रहने वाले बताए जाते हैं। बाकी मृतकों की पहचान में समय लगने की संभावना जतायी जा रही है। डीएनए सैम्पल के सहारे उनकी पहचान की जाएगी, जिसके बाद परिजनों को शव सौंपा जाएगा।
दैनिक जागरण की मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि बस में पटाखे ले जाए जा रहे थे। पटाखों को बस के पिछले हिस्से में रखा गया था। वहां शॉर्ट सर्किट की वजह से चिंगारी निकली जिससे पटाखों में आग भड़क उठी। प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से बताया जाता है कि आग लगने के बाद भी बस राजमार्ग पर दौड़ती रही। ड्राइवर की सीट तक आग पहुंचने से पहले ही उसने कुदकर अपनी जान बचायी। हालांकि तब तक ग्रामीण भी वहां पहुंचकर आग बुझाने की कोशिशें करने लगे थे लेकिन वे सफल न हो सकें।
सेना के जवानों ने भी की मदद
बताया जाता है कि जिस जगह पर यह हादसा हुआ, वहां पास में ही सेना का वॉर म्यूजियम है। सेना के जवान भी मौके पर पहुंचे और शवों को बाहर निकालने में मदद की। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि आग लगने की वजह से गेट अंदर से लॉक हो गया था। सेना के जवानों ने दरवाजा तोड़कर शवों को बाहर निकालने का काम किया।
मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री पहुंचे जैसलमेर
हादसे की जानकारी मिलते ही राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत देर शाम को विमान से जैसलमेर रवाना हुए। उन्होंने घटनास्थल का जायजा लिया। इसके बाद दोनों जोधपुर गए जहां अस्पताल में इलाजरत घायलों का हालचाल जाना। दुर्घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुःख जताया है।