दिवाली की रात को हर व्यापारी अपने व्यवसाय के फलने-फूलने की कामना से मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की आराधना करते हैं। लेकिन राजस्थान के जैसलमेर में दिवाली की जगमगाती रात ही मंडी व्यापारी मदमलाल सारस्वत और उनके मुनीम रेवंतराम के लिए अमावस की काली रात बन गयी। मिली जानकारी के अनुसार दिवाली के अगले दिन यानी मंगलवार की सुबह मोहनगढ़ कस्बे से लगभग 6 किलोमीटर दूर दोनों का शव बरामद किया गया। दावा किया जा रहा है कि दोनों की हत्या दिवाली की रात को ही की गयी है।
NBT की मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार मोहनगढ़ कस्बे के एक हनुमान मंदिर के पुजारी ने सबसे पहले दोनों का खून से लथपथ शव देखा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय निवासियों का दावा है कि व्यापारी और उसके मुनीम की हत्या दुकान के बाहर की गयी थी। मदनलाल की दो दुकानें थी, जिसमें से एक मंडी के अंदर और दूसरी बाहर थी। दोनों का शव मंडी के बाहर वाली दुकान के सामने बरामद हुआ है।
पुलिस जांच में सामने आया है कि मदनलाल सोमवार की शाम को अपनी ऑल्टो कार में पेट्रोल भरवाकर आया था। बताया जाता है कि दोनों की हत्या के बाद हत्यारे मदनलाल की ऑल्टो में ही फरार हो गए हैं। पुलिस कार और इस मामले में सभी संदिग्धों की तलाश कर रही है। सूत्रों के हवाले से बताया जाता है कि पुलिस ने पूरे इलाके में संदिग्धों की तलाश में अभियान शुरू कर दिया है। हत्यारों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। इसके साथ ही गवाहों से भी पूछताछ की जा रही है।