उत्तराखंड के पौड़ी इलाका इन दिनों तेंदुए के खौफ के साए में जी रहा है। दो दिनों पहले इलाके में तेंदुए के हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई। इसके बाद से ही इलाके को देखकर ऐसा लगता है जैसे कोरोना काल में लॉकडाउन लगा हो। लोगों के मन में दहशत इतनी बैठ चुकी है कि क्षेत्र के करीब 55 स्कूलों को कुछ समय के लिए बंद कर देने का फैसला लिया गया है। पर बच्चों की पढ़ाई कैसे हो? क्या तेंदुए के डर से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने दिया जा सकता है?
तो इसका जवाब है बिल्कुल भी नहीं। क्योंकि शिक्षा विभाग ने यहां ऑनलाइन कक्षाएं करवाने का फैसला लिया है। गौरतलब है कि गुरुवार को गजलद गांव के राजेंद्र नौटियाल (45) नामक एक आदमी पर एक तेंदुए ने हमला कर दिया था। इस हमले में उक्त व्यक्ति की मौत हो गयी थी। इसके बाद डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट स्वाति एस भदौरिया, विधायक राजकुमार पोरी और वन विभाग के अधिकारियों ने मौके का दौरा किया।
उन्होंने मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की। अधिकारियों ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर तेंदुए को मार गिराया जाएगा। हालांकि वन विभाग के अधिकारी तेंदुए को पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन अभी तक तेंदुआ पकड़ में नहीं आ सका है।
इस वजह से इलाके के लोग डर के मारे अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। इस स्थिति की तुलना कोविड के दौरान लगे लॉकडाउन से की जा रही है। स्थानीय निवासियों ने कहा कि किसी ने उन्हें घर के अंदर रहने का आदेश नहीं दिया है। लेकिन अब डर के कारण कोई बाहर जाने की हिम्मत नहीं कर रहा है। अगर वे बाहर जाते भी हैं तो जल्द से जल्द घर लौट रहे हैं। वे चाहते हैं कि प्रशासन जंगली जानवर को तुरंत पकड़कर इलाके के निवासियों को इस दहशत से मुक्ति दिलाए।
ऐसी स्थिति में शिक्षा विभाग ने बाड़ा, चरधार और धंधरी इलाकों के सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है। माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक मुकुल कुमार सती ने कहा कि यह फैसला छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया है। हालांकि उनकी पढ़ाई में कोई रुकावट न आए इसे सुनिश्चित करने के लिए उन इलाकों के स्कूलों को फिलहाल ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने का निर्देश दिया गया है।