जन सुराज पार्टी खाता खोलने में नाकाम, JDU पर टिप्पणी के कारण राजनीति छोड़ने का सवाल नहीं, बोले प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर ने बिहार चुनाव में अपनी पार्टी की हार की जिम्मेदारी खुद ली, PK का मौन व्रत का ऐलान

By तुहिना मंडल, Posted by: श्वेता सिंह

Nov 18, 2025 14:13 IST

दिसंबर 2020 में बंगाल चुनाव को लेकर राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने दावा किया था, “भाजपा 100 पार नहीं करेगी। अगर करेगी, तो मैं यह काम छोड़ दूंगा।” उस समय उन्होंने अपनी बात सच साबित कर दी थी—बंगाल में भाजपा 100 सीटें पार नहीं कर पाई।

कट टूः जून 2025। बिहार चुनाव से पहले प्रशांत किशोर ने एक और भविष्यवाणी कर दी। लेकिन इस बार वह कोई चुनाव-रणनीतिकार नहीं, बल्कि अपनी बनाई राजनीतिक पार्टी के 'नॉन प्लेइंग कैप्टन' थे। उन्होंने दावा किया था कि “जेडीयू अपनी ताकत पर 25 सीट भी नहीं पाएगी। अगर पाती है, तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।”

हालांकि बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की जेडीयू ने 25 नहीं, बल्कि 85 सीटों पर जीत दर्ज की। दूसरी तरफ, प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी खाता तक नहीं खोल पाई। इसके बाद से ही RJD खेमे में तंज और व्यंग्य का दौर शुरू हो गया। कई लोग मजाक में पूछने लगे — “क्या अब प्रशांत बाबू राजनीति छोड़ रहे हैं?” अब प्रशांत किशोर ने अपने राजनीतिक भविष्य और पार्टी की स्थिति पर चुप्पी तोड़ी है।

राजनीति छोड़ने का कोई इरादा नहीं

उन्होंने कहा, “जो लोग सोच रहे हैं कि मैं बिहार छोड़ दूंगा, वे गलत सोच रहे हैं। जब तक कोई खुद को संघर्ष से अलग नहीं करता, उसे पराजित नहीं कहा जा सकता। कई लोग मेरे JDU को 25 सीटें मिलने वाले बयान की चर्चा कर रहे हैं। मैं आज भी अपनी बात पर कायम हूं। अगर नीतीश कुमार चुनाव से पहले किए वादे के अनुसार 1.5 करोड़ महिलाओं को प्रति व्यक्ति दो लाख रुपये दे दें और यह भी साबित कर दें कि जीत वोट खरीदकर नहीं मिली, तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।”

महिला रोजगार योजना और विश्व बैंक के 14,000 करोड़ पर सवाल

गौरतलब है कि चुनाव परिणाम आने के बाद प्रशांत किशोर ने दावा किया था कि विश्व बैंक के 14,000 करोड़ रुपये का इस्तेमाल बिहार के वोटरों को प्रभावित करने में किया गया है। उधर, बिहार चुनाव से पहले नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना लागू की थी। इस योजना के तहत प्रत्येक परिवार की एक महिला को व्यवसाय शुरू करने के लिए शुरुआती सहायता के रूप में 10,000 रुपये दिए जाने थे। अगर उनका व्यवसाय सफल हो जाता, तो आगे उन्हें 2 लाख रुपये और मिलेंगे।

इस योजना का उद्घाटन 26 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था और 75 लाख महिलाओं के खातों में 10,000 रुपये भेजे गए थे। लेकिन शेष 2 लाख रुपये देने के वादे को नीतीश निभाएंगे या नहीं—इस पर प्रशांत किशोर ने सवाल उठाया है।

मौन व्रत के जरिए असफलता पर प्रायश्चित

उन्होंने कहा,“हमने अपनी ओर से पूरी कोशिश की। हम सरकार नहीं बदल पाए। मैं सारी ज़िम्मेदारी अपने ऊपर लेता हूं। हम आत्मविश्लेषण करेंगे। हमारी पूरी कोशिश विफल होने पर हमें दुख है।”

सरकार परिवर्तन न कर पाने के लिए प्रशांत किशोर ने एक दिन का मौन व्रत रखने की भी घोषणा की है।

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