नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री की कुर्सी दसवीं बार संभाल ली। हालांकि कैबिनेट में भाजपा का पलड़ा ही भारी रहा। कम से कम आंकड़े यही बताते हैं। नीतीश के मंत्रिमंडल में फिलहाल 26 लोगों की जगह है। इसमें BJP के 14 विधायक हैं, नीतीश की पार्टी JDU के 8 विधायक हैं, चिराग पासवान की पार्टी LJP (रामबिलास) के 2 विधायक हैं। महत्वपूर्ण रूप से नीतीश के मंत्रिमंडल में NDA के सहयोगी दल RLM के एक विधायक और जीतन राम मांझी की ‘हम’ पार्टी के एक विधायक को भी जगह मिल गयी है। कुल मिलाकर, दिखने में कैप्टेन नीतीश हैं लेकिन मंत्रिमंडल में बहुमत भाजपा का ही है। हालांकि राजनीतिक हलकों का कहना है कि भविष्य में मंत्रिमंडल का विस्तार संभव है।
कौन-कौन मंत्री बने?
नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली पिछली सरकार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा नए मंत्रिमंडल में भी हैं। वे अपने पुराने पद पर बने रहेंगे।
इसके अलावा नीतीश मंत्रिमंडल के JDU सदस्य हैं- विजय कुमार चौधरी, बिजेंद्र प्रसाद यादव, श्रवण कुमार, अशोक चौधरी, लेसी सिंह, मदन साहनी, सुनील कुमार और मोहम्मद जमां खान।
सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा के अलावा मंत्रिमंडल में BJP के अन्य सदस्य हैं- मंगल पांडे, डॉ. दिलीप कुमार जयसवाल, नितिन नवीन, रामकृपाल यादव, संजय सिन्हा टाइगर, अरुणशंकर प्रसाद, सुरेंद्र मेहता, नयन प्रसाद, रामा निषाद, लखेंद्र कुमार रोशन, श्रेयश्री सिन्हा और प्रमोद कुमार।
दूसरी ओर, चिराग की पार्टी LJP (रामबिलास) के विधायक संजय कुमार और संजय कुमार सिन्हा, और RLM के दीपक प्रकाश को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। जीतन राम मांझी की ‘हम’ पार्टी की ओर से संतोष कुमार सुमन को मंत्रिमंडल में जगह मिली है।
छह विधायक-एक मंत्री की नीति नहीं मानी गई
प्रारंभिक रूप से NDA सूत्रों के अनुसार, हर छह विधायक पर एक मंत्री की बात तय की गयी थी। बिहार विधानसभा चुनाव में BJP ने 89 सीटें, JDU ने 85 सीटें, LJP (रामबिलास) ने 19 सीटें और RLM ने 4 सीटें जीती थीं। ऐसे में यह स्पष्ट है कि छह विधायक पर एक मंत्री की नीति इस मंत्रिमंडल में नहीं अपनाई गई। हालांकि राजनीतिक मत के अनुसार भविष्य में मंत्रिमंडल के विस्तार की संभावना है।