बिहार विधानसभा चुनाव में RJD की हार के बाद लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने अपना मुंह बंद रखा था। एक तरफ वोट के नतीजे, दूसरी तरफ दीदी रोहिणी आचार्य के परिवार ने उनका साथ छोड़ दिया। राजनीतिक हलकों के अनुसार, RJD के 'अघोषित कप्तान' लगभग दबाव में थे। JDU सुप्रीमो नीतीश कुमार ने गुरुवार को दसवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और बिहार के नतीजे आने के बाद तेजस्वी ने पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने गुरुवार को अपने X हैंडल पर एक पोस्ट किया। उस पोस्ट में तेजस्वी ने नीतीश को बधाई दी। उन्होंने लिखा, 'बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए नीतीश कुमार जी को हार्दिक बधाई। कैबिनेट के सदस्य के तौर पर शपथ लेने वाले सभी सदस्यों को बधाई। मुझे उम्मीद है कि नई सरकार आम लोगों की उम्मीदों को पूरा करेगी और लोगों के प्रति अपनी ज़िम्मेदारियों को पूरा करेगी। नई सरकार चुनाव से पहले किए गए वादों को पूरा करेगी और बिहार के लोगों की ज़िंदगी में अच्छे बदलाव लाएगी।'
एक तरफ जहां प्रशांत किशोर नीतीश कुमार के सरकार बनाने की खुलकर आलोचना कर रहे थे, वहीं लालू के बेटे तेजस्वी इसके ठीक उलटे रास्ते पर चल पड़े हैं। उन्होंने चुनाव के बाद किए गए वादों को पूरा करने का मुद्दा सावधानी से उठाया। गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव में NDA ने 243 सीटों में से 202 सीटें जीती थीं, वहीं महागठबंधन को सिर्फ़ 35 सीटें मिलीं।