हार की जिम्मेदारी लेकर तेजस्वी ने विपक्षी नेता बनने से इनकार तो कर दिया लेकिन लालू ने बेटे तेजस्वी पर ही भरोसा जताते हुए प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
बिहार विधानसभा चुनाव में RJD की शर्मनाक हार के बाद पार्टी और लालू परिवार के भीतर एक के बाद एक नाटकीय घटनाएं घट रही हैं। पार्टी के सूत्रों के अनुसार मंगलवार को पार्टी की बैठक में चुनाव में भारी हार की जिम्मेदारी अपने कंधे पर लेने के बाद तेजस्वी ने विधानसभा में विपक्ष के नेता बनने का प्रस्ताव अस्वीकार करने की इच्छा व्यक्त की।
इस दिन पार्टी की समीक्षा बैठक में तेजस्वी ने कहा कि अब वह पार्टी के एक सामान्य विधायक के रूप में काम करना चाहते हैं। हालांकि तेजस्वी का यह प्रस्ताव उनके पिता और RJD के संस्थापक लालूप्रसाद यादव ने अस्वीकार कर दिया। सूत्रों के अनुसार लालू यादव ने जोर देकर कहा कि तेजस्वी ही संसद में पार्टी का नेतृत्व करेंगे।
लेकिन यहीं बात खत्म नहीं होती। हाल ही में चर्चा में तेजस्वी के करीबी सहयोगी और RJD के राज्यसभा सांसद संजय यादव का नाम आया है। तेजस्वी की बहन रोहिणी आचार्य ने खराब परिणाम के लिए उन्हीं को जिम्मेदार ठहराया। उनका और आरोप है कि संजय ने उन्हें राजनीति और परिवार छोड़ने का आदेश दिया था। इस दिन की बैठक में संजय की ओर से तेजस्वी ने बल्लेबाजी की। उन्होंने स्पष्ट कहा कि पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए संजय यादव को निशाना बनाना गलत है।