क्या युवा भारती स्टेडियम पर लगे दाग के कारण, फरवरी में ईडन गार्डन्स में टी–20 विश्व कप सेमीफाइनल की मेज़बानी हाथ से निकल सकती है? शनिवार दोपहर से ही ऐसी आशंका पैदा हो गई है। युवा भारती में जो कुछ हुआ, वह अब सोशल मीडिया के ज़रिये पूरी दुनिया में वायरल हो चुका है। क्रिकेट की नियामक संस्था आईसीसी (चेयरमैन जय शाह) भी इस घटना को लेकर चिंतित है। इस साल आरसीबी के विजय समारोह में भगदड़ मचने से 11 लोगों की मौत के बाद अब भी चिन्नास्वामी स्टेडियम बोर्ड की काली सूची में है। युवा भारती की घटना का असर ईडन में विश्व कप सेमीफाइनल के आयोजन पर पड़ेगा या नहीं, यह आईसीसी की निरीक्षण समिति की रिपोर्ट पर निर्भर करेगा लेकिन शहर में मेस्सी के टूर के दौरान भीड़ प्रबंधन में प्रशासनिक विफलता एक बड़ा फैक्टर बन सकती है।
इस मुद्दे पर मुंबई से एक बोर्ड अधिकारी ने शनिवार को कहा कि विश्व कप जैसे बड़े इवेंट में खिलाड़ियों और दर्शकों की सुरक्षा सर्वोपरि होती है। युवा भारती में उस दिन जो हुआ, उसने बोर्ड को सोचने पर मजबूर कर दिया है। सभी वेन्यू पर सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारा लक्ष्य रहेगा। मैदान के भीतर इतनी भीड़ क्यों थी? यह सवाल ऑब्जर्वर कमेटी जरूर उठा सकती है।
इस आशंका के साथ-साथ शनिवार को मेस्सी मय माहौल के दौरान युवा भारती स्टेडियम को हुए भारी नुकसान का मुद्दा भी सामने आ रहा है। स्टेडियम की हालत देखते हुए सवाल उठ रहा है कि अगर इस सीजन आईएसएल के मैच होते हैं, तो क्या वहां खेल कराना संभव होगा? गैलरी में बड़ी संख्या में कुर्सियां टूट चुकी हैं। टनल के प्रवेश द्वार की छत, डगआउट की बेंच और युवा भारती के ग्राउंड फ्लोर पर स्थित वीआईपी बॉक्स भी लगभग पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं। सब कुछ नए सिरे से बनाना पड़ेगा। शनिवार रात तक युवा भारती में लंबे समय से काम कर रहे अधिकारियों के आकलन के मुताबिक, नुकसान की राशि कम से कम दो करोड़ रुपये है, जो इससे भी अधिक हो सकती है। पुनर्निर्माण का काम कब शुरू होगा, यह अभी कहना मुश्किल है।
अब सवाल है कि इतनी जर्जर हालत में युवा भारती की मरम्मत कितने समय में संभव होगी ? मोहनबागान एसजी के अधिकारी आशीष सरकार, जो लंबे समय से स्टेडियम रखरखाव के काम में निपुण हैं, ने कहा कि जो दिख रहा है, उससे लगता है कि मैदान के टर्फ को बहुत बड़ा नुकसान नहीं हुआ है, जिसे करीब एक हफ्ते में ठीक किया जा सकता है लेकिन बाकी हिस्सों में जो भारी नुकसान हुआ है, उसे ठीक करने के लिए तत्काल आधार पर काम करना होगा और इसके लिए भारी रकम की ज़रूरत पड़ेगी।सरकारी स्तर पर वार्षिक बजट और वित्त विभाग की मंजूरी के बिना इतनी बड़ी राशि आवंटित करना संभव नहीं है। अगर सवाल आईएसएल मैचों का है, तो क्या उसके लिए मोहनबागान और ईस्ट बंगाल वैकल्पिक मैदान की तलाश शुरू करेंगे यही बड़ा सवाल है।