13 दिसंबर को युवा भारती क्रीड़ांगन में मेस्सी के प्रशंसकों को निराशा के सिवा कुछ नहीं मिला। घंटों इंतज़ार, भारी अव्यवस्था और हज़ारों रुपये की टिकट खरीदने के बावजूद मेस्सी को न देख पाना, यही रहा उनका अनुभव। जबकि कुछ ही घंटों बाद हैदराबाद में पूरा कार्यक्रम बिना किसी बाधा के संपन्न हुआ। वहां दर्शकों के लिए गेंद उछालना, स्किल दिखाना, पेनल्टी शूटआउट सब कुछ हुआ। इसकी तुलना से कोलकाता में हुई कुप्रबंधन की तस्वीर को और स्पष्ट कर दिया। अब इसी मुद्दे पर निशाना साधा है भारत के पूर्व फुटबॉलर बाइचुंग भूटिया ने।
बाइचुंग का मानना है कि इस घटना के कारण पूरी दुनिया के सामने भारत की छवि खराब हुई है। उन्होंने कहा कि मैदान में मौजूद लगभग 80 हजार दर्शकों का मेस्सी को न देख पाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। मेस्सी का भारत आना जितना अच्छा कदम था, उतना ही प्रबंधन की विफलता के कारण सब कुछ बेकार हो गया।
बाइचुंग ने कहा कि मैंने सुना है कि कुछ अनचाहे VIP लोगों ने मेस्सी को घेर रखा था, जिसकी वजह से सामान्य दर्शक उन्हें देख नहीं पाए। उम्मीद करता हूं कि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो। इससे देश की बदनामी होती है। कई समर्थक बहुत पैसा खर्च करके मेस्सी को देखने आए थे। लेकिन खुद को VIP कहने वाले कुछ लोगों की वजह से उन्हें निराश होना पड़ा, जो बिल्कुल भी अपेक्षित नहीं था।
मेस्सी को भारत लाने का एक बड़ा उद्देश्य देश में फुटबॉल के प्रति जुनून बढ़ाना था। लेकिन इसके उलट, इस घटना ने भारत की फुटबॉल संरचना और प्रबंधन की विफलता को और उजागर कर दिया। बाइचुंग ने यह भी कहा कि फिलहाल भारत में फुटबॉल का भविष्य अच्छा नहीं दिखता। युवा पीढ़ी से जुड़ने के लिए खेल सबसे बड़ा माध्यम है, लेकिन मेस्सी को लाकर भी अगर ऐसी घटनाएं हों, तो हालात और बिगड़ते ही हैं।