“सब डरकर खेल रहे थे”, गंभीर की स्ट्रैटेजी के कारण ही ‘कनफ्यूज़ और नर्वस’ थे क्रिकेटर

गौतम गंभीर के अधीन बार-बार बल्लेबाज़ों के स्थान बदलना ही क्या भारत की असफलता का मुख्य कारण है?

By तानिया राय, Posted by: श्वेता सिंह

Nov 18, 2025 13:16 IST

रविवार को ईडन गार्डेन्स में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ के पहले मैच में भारत की शर्मनाक हार के बाद मोहम्मद कैफ़ ने एक नए विवाद को जन्म दिया। भारत के पूर्व स्टार बल्लेबाज़ ने सीधे उंगली उठाई मुख्य कोच गौतम गंभीर की ओर। कैफ ने दावा किया कि गंभीर की रणनीति ही कथित तौर पर ड्रेसिंग रूम में भ्रम पैदा कर रही थी, और उसी अस्थिरता का नतीजा है यह हार।

भारत की टीम 93 पर ढह गयी थी

कठिन पिच और शुभमन गिल की चोट के कारण उनकी अनुपस्थिति में, टेस्ट की चौथी पारी में मात्र 124 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय बल्लेबाज़ी मात्र 93 रनों पर ढह गई। दक्षिण अफ्रीका ने 30 रनों से जीत हासिल कर सीरीज़ में 1-0 की बढ़त ले ली।

कैफ़ ने उठाए बड़े सवाल

भारत की इस खराब हार के तुरंत बाद ही कैफ़ ने सवाल उठाया—साई सुदर्शन को क्यों बाहर किया गया, जिन्होंने पिछले टेस्ट में 87 रनों की शानदार पारी खेली थी? वॉशिंगटन सुंदर को नंबर तीन पर क्यों भेजा गया? हालांकि अंतिम पारी में सुंदर ने अच्छी लड़ाई लड़ी। कैफ के अनुसार यही बदलाव टीम के भीतर अस्थिरता बढ़ा रहे थे। गंभीर के अधीन बल्लेबाज़ों के लगातार स्थान परिवर्तन को ही वे भारत की असफलता का बड़ा कारण मानते हैं।

कोई बैकिंग नहीं, सब डरकर खेल रहे”—कैफ़

उन्होंने कहा, “जो भी खिलाड़ी खेल रहा है, उसे यह महसूस नहीं हो रहा कि कोई उसे समर्थन दे रहा है। कोई बैकिंग नहीं है, सभी डर के साथ खेल रहे हैं। कोई भी खुलकर अपना स्वाभाविक खेल नहीं खेल पा रहा।” कैफ़ ने यह भी उल्लेख किया कि साई सुदर्शन की तरह सरफ़राज़ खान भी इसी भाग्य का शिकार हुए। पिछली सीरीज़ में शतक लगाने के बाद भी वे बाहर हो गए और धीरे-धीरे टेस्ट टीम में जगह खो बैठे।

कैफ़ ने टीम चयन पर उठाया सवाल

कैफ़ का दावा है, “अगर सरफ़राज़ खान की जगह शतक करने के बाद भी पक्की नहीं है, तो समस्या है। शतक लगाने के बाद भी वह वापस नहीं आ पा रहा। साई सुदर्शन ने 87 बनाए, फिर भी अगले टेस्ट में नहीं खेला। मुझे लगता है कि इस टीम में बहुत भ्रम है।”

टीम का आत्मविश्वास ध्वस्त

अनुभवी इस बल्लेबाज़ ने साफ कहा कि जब खिलाड़ी अपने बैटिंग पोज़िशन को लेकर असुरक्षित महसूस करते हैं, तब टीम मैनेजमेंट का टर्निंग ट्रैक चुनने का फैसला उन्हें और ज़्यादा नर्वस कर देता है। कैफ़ बोले, “खिलाड़ियों का आत्मविश्वास कम हो गया है, वे कुछ हद तक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। जब सुरक्षा न हो और टर्निंग ट्रैक पर खेलना पड़े, तब अच्छा खेलना संभव नहीं होता।”

सुदर्शन को खिलाते तो मैच भारत का होता—कैफ़

कैफ़ की दलील है कि सुंदर ने अच्छा इसलिए खेला क्योंकि वे चेन्नई की टर्निंग पिचों पर पले-बढ़े हैं। उन्हें पता है कि कैसे फुटवर्क करना है, किन गेंदों को नरम हाथों से खेलना है और नीचे वाले हाथ को कैसे नियंत्रण में रखना है। उन्होंने कहा, “साई सुदर्शन भी चेन्नई से हैं। अगर वह नंबर तीन पर खेलते और सुंदर नंबर आठ पर होते तो भारत यह टेस्ट जीत जाता। वह स्पिन बहुत अच्छी तरह खेलते हैं। सुदर्शन फ़ॉर्म में हैं, 87 बनाए—फिर भी इलेवन में नहीं हैं।”

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