दिल्ली हाईकोर्ट ने गौतम गंभीर के खिलाफ कोविड दवाओं के मामले को खारिज किया

महामारी के दौरान कोविड-19 दवाओं का अवैध स्टॉक और वितरण करने से जुड़ा मामला था।

By श्वेता सिंह

Nov 21, 2025 15:56 IST

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच गौतम गंभीर, उनके फाउंडेशन और अन्य के खिलाफ दायर आपराधिक मामले को खारिज कर दिया। यह मामला कथित रूप से महामारी के दौरान कोविड-19 दवाओं का अवैध स्टॉक और वितरण करने से जुड़ा था। जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने आदेश सुनाते हुए कहा, “अपराधिक शिकायत खारिज की जाती है।”

हाईकोर्ट ने यह आदेश उस याचिका पर दिया, जिसमें गंभीर, उनकी पत्नी, मां और फाउंडेशन के खिलाफ ट्रायल कोर्ट द्वारा जारी सम्मन को चुनौती दी गई थी और अपराधिक शिकायत को खारिज करने की मांग की गई थी।

क्या था मामला ?

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली, सरकार के ड्रग कंट्रोल विभाग ने गौतम गंभीर (तत्कालीन ईस्ट दिल्ली सांसद) और उनके फाउंडेशन, फाउंडेशन की सीईओ अपराजिता सिंह, उनकी मां और पत्नी सीमा गंभीर और नताशा गंभीर जो दोनों फाउंडेशन की ट्रस्टी थीं के खिलाफ ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की धारा 18(c) और 27(b)(ii) के तहत शिकायत दर्ज की थी।

धारा 18(c): बिना लाइसेंस दवाओं का निर्माण, बिक्री और वितरण वर्जित

धारा 27(b)(ii): बिना वैध लाइसेंस दवाओं की बिक्री और वितरण पर तीन से पांच साल की जेल और जुर्माना का प्रावधान

20 सितंबर, 2021 को हाईकोर्ट ने इस मामले में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर स्थगन (stay) जारी किया था और गंभीर फाउंडेशन एवं गंभीर परिवार द्वारा दायर याचिका पर दिल्ली ड्रग कंट्रोल अथॉरिटी की प्रतिक्रिया मांगी थी।

गौतम गंभीर और परिवार की चुनौती

गौतम गंभीर और उनके परिवार ने ट्रायल कोर्ट के सम्मन और आपराधिक शिकायत को चुनौती दी थी। 9 अप्रैल को हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर पहले जारी स्टे को हटा दिया, जिसके बाद गंभीर ने आदेश को रद्द करने के लिए एक नई याचिका दायर की। ड्रग कंट्रोल विभाग के वकील ने इस याचिका का विरोध किया और कहा कि याचिका कायमी नहीं है क्योंकि गंभीर सीधे हाईकोर्ट गए थे, जबकि उन्हें पहले रिविजनल कोर्ट ऑफ सेशन्स जाना चाहिए था।

बचाव पक्ष की दलील

अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने स्वीकार किया कि उन्होंने दवाएं बिना वैध लाइसेंस के वितरित की और उनका केवल बचाव यह था कि उन्होंने उन्हें बेचा नहीं।

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