एक टेस्ट में कप्तानी आसान नहीं, पर मैं तैयार हूं-ऋषभ पंत

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टेस्ट से पहले कप्तानी को लेकर खुलकर बोले ऋषभ पंत

By श्वेता सिंह

Nov 21, 2025 15:02 IST

गुवाहाटी: भारत के 38वें टेस्ट कप्तान के रूप में पदार्पण करने जा रहे ऋषभ पंत ने साफ कहा कि एकमात्र टेस्ट में कप्तानी करना “सबसे आदर्श स्थिति नहीं” है। इसके बावजूद वे ज्यादा सोच-विचार में नहीं पड़ना चाहते और अपनी कप्तानी में पारंपरिक सोच के साथ कुछ नए और हटकर फैसलों को भी शामिल करना चाहेंगे। पंत शनिवार से शुरू हो रहे दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टेस्ट में टीम इंडिया की कमान संभालेंगे, क्योंकि नियमित कप्तान शुभमन गिल गर्दन की चोट के कारण बाहर हो गए हैं।

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, पंत ने प्री-मैच प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “एक वन-ऑफ मैच में कप्तानी करना आदर्श स्थिति नहीं है। लेकिन मैं गर्व महसूस करता हूँ कि बीसीसीआई ने मुझे यह मौका दिया। देश की कप्तानी करना सबसे गर्व की बात होती है।”

“कप्तानी होगी पुरानी और आधुनिक सोच का मिश्रण”

अपनी कप्तानी के अंदाज़ पर बात करते हुए पंत ने कहा कि वे दोनों तरह की सोच—परंपरागत और नए विचार—को मिलाना चाहेंगे।

उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि पारंपरिक तरीकों से मदद मिलती है। लेकिन इसके साथ आउट-ऑफ-द-बॉक्स सोच जोड़ना भी जरूरी है। मेरे लिए यह संतुलन बनाने की बात है।”

सीरीज़ में दक्षिण अफ्रीका 2-0 से आगे है, और पंत के सामने चुनौती बेहद कठिन है।

खिलाड़ियों को ‘फ्रीडम’ देना होगा प्राथमिक लक्ष्य

अपनी कप्तानी की फिलॉसफी बताते हुए पंत ने कहा:“मैं ऐसा कप्तान बनना चाहता हूँ जो खिलाड़ियों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दे। वे सीखें, आगे बढ़ें और टीम के लिए सही फैसले लेने लगें। यही लक्ष्य है।”

उन्होंने कहा कि मैदान पर उनका अनुभव टीम की भी मदद करेगा। क्या वे फैसले लेते समय अपनी फ्री-स्पिरिटेड नेचर को कायम रख पाएंगे? इस पर पंत ने कहा:“मैं इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचता। बस 100 प्रतिशत देना है और खेल का आनंद लेना है।” उन्होंने बताया कि उन्हें कप्तानी की आधिकारिक सूचना गुरुवार रात मिली। गिल से बातचीत पर उन्होंने मज़ाकिया अंदाज़ में कहा,“मैं गिल से रोज़ बात करता हूँ।”

“दो मैचों की सीरीज़ में वापसी कठिन होती है”

पंत ने स्वीकार किया कि दो मैचों की सीरीज़ में वापसी आसान नहीं होती। उन्होंने कहा: “अधिक मैच होने पर वापसी आसान होती है। दो मैचों की सीरीज़ में पहला मैच हारने के बाद दबाव बढ़ जाता है। लेकिन ये चीजें हमारे नियंत्रण में नहीं होतीं।”

पहले टेस्ट में गिल के चोटिल होने पर नेतृत्व संभालते समय पंत ने कुछ फैसले लिए जिन पर सवाल उठे। उन्होंने तेज़ गेंदबाज़ सिराज और बुमराह को खराब होती पिच पर इस्तेमाल नहीं किया, जबकि बाद में स्पिनर्स को गेंद थमाई। इसी दौरान तेंबा बावुमा ने अहम अर्धशतक लगाया।

रणनीति पर सवाल पूछे जाने पर पंत ने कहा:“स्पिनर्स के साथ जाना हमारा प्लान था, लेकिन तेज़ गेंदबाज़ों को लाने का भी विकल्प था। कप्तानी की यही चुनौती है—आप पर सवाल उठेंगे। अंत में आपको वही करना होता है जो उस समय आपको सही लगे।”

उन्होंने बताया कि प्लेइंग इलेवन में जिन खिलाड़ियों को चुना गया है, वे पहले ही जान चुके हैं कि वे खेलेंगे। ऑफ-स्पिनर साइमन हार्मर को देखते हुए टीम में दाएं हाथ के बल्लेबाज़ की जरूरत पर उन्होंने कहा: “हमने इसे ध्यान में रखा है। हमारी बैटिंग लाइनअप में कई लेफ्ट-हैंडर हैं। लगभग फैसला हो चुका है और जिसे खेलना है, उसे पता है कि वह खेलेगा।”

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