श्रीलंका में राहत के लिए भारत का बड़ा कदम, सेना ने शुरू किया ऑपरेशन सागर बंधु

राहत और बचाव दल 'शत्रुजीत ब्रिगेड' का हिस्सा है और अपने आप में पूरी तरह तैयार, आत्मनिर्भर और तेजी से काम करने वाला दस्ते के रूप में भेजा गया है।

By डॉ. अभिज्ञात

Dec 02, 2025 18:33 IST

नयी दिल्लीः चक्रवात दितवाह से श्रीलंका में भारी तबाही मचने के बाद भारत ने उसकी मदद के लिए बड़ा कदम उठाया है। भारतीय सेना ने ऑपरेशन सागर बंधु के तहत एक विशेष राहत दल श्रीलंका भेजा है, जिसका काम वहां की बुनियादी सेवाओं को दोबारा शुरू कराने और प्रभावित लोगों को तुरंत सहायता पहुंचाने का है। यह दल 'शत्रुजीत ब्रिगेड' का हिस्सा है और अपने आप में पूरी तरह तैयार, आत्मनिर्भर और तेजी से काम करने वाला दस्ते के रूप में भेजा गया है।

भारतीय सेना ने बताया कि यह कदम भारत की 'पड़ोस पहले' नीति और 'वसुधैव कुटुंबकम’ यानी पूरी दुनिया एक परिवार है की भावना के तहत उठाया गया है। इस दल में डॉक्टर, इंजीनियर और संचार (सिग्नल) विशेषज्ञ शामिल हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत इलाज, टूटे-फूटे ढांचे की मरम्मत और राहत कार्यों के लिए लगातार संपर्क बना रहे। मेडिकल टीम के पास मोबाइल सर्जिकल यूनिट और एक ऐसा ऑपरेशन थिएटर है, जहां बड़े और छोटे दोनों तरह के ऑपरेशन किए जा सकते हैं और एक बार में 20 से 30 मरीजों को रखा भी जा सकता है। इंजीनियरिंग टीम उन जगहों पर काम कर रही है जहां बिजली, सड़कें और दूसरी जरूरी सेवाएं ठप हो गईं। वहीं संचार दल यह सुनिश्चित कर रहा है कि राहत अभियान रुक-रुक कर न चले और जानकारी लगातार मिलती रहे।

श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने बताया कि दो फील्ड हॉस्पिटल और 70 अतिरिक्त विशेषज्ञ भी पहुंच रहे हैं, ताकि सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में तुरंत चिकित्सा सहायता दी जा सके। श्रीलंका की स्थानीय एजेंसियों के अनुसार अब तक 410 लोगों की मौत हो चुकी है और 14 लाख से ज़्यादा लोग बाढ़, भूस्खलन और खराब मौसम से प्रभावित हैं। कई जगहों पर घर पानी में डूब गए हैं और हालत बहुत गंभीर है।

भारत के उच्चायुक्त संतोष झा ने कोलंबो के पास सेडावत्ता क्षेत्र का दौरा किया, जहां उन्होंने NDRF के बचाव कार्यों का जायज़ा लिया। टीमें घर-घर जाकर लोगों को निकाल रही हैं और उन्हें खाना, पानी और ज़रूरी सामान दे रही हैं। कुछ इलाकों में पानी 6 से 8 फीट तक भर गया है, जिससे लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं।

इसी बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके से बात की और इस आपदा में जानमाल के बड़े नुकसान पर दुख जताया। मोदी ने उन्हें भरोसा दिलाया कि भारत आगे भी पूरी मदद करता रहेगा और राहत के साथ-साथ पुनर्वास यानी दोबारा जीवन पटरी पर लाने के काम में भी श्रीलंका का साथ देगा।

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