नयी दिल्लीः संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी के विवादित बयानों और उनके द्वारा एक पिल्ले को संसद परिसर तक लाने को लेकर राजनीतिक घमासान लगातार तेज़ बना हुआ है। सोमवार को रेणुका चौधरी द्वारा एक आवारा पिल्ले को कार में लेकर संसद पहुंचने और मीडिया के सवालों पर सांसदों पर कटाक्ष करने के बाद यह विवाद और गहरा गया। चौधरी ने कहा कि असली काटने वाले तो संसद में बैठे हैं और पिल्ले को बचाने के लिए उसे कार में लाना उनकी नैतिक जिम्मेदारी थी।
मंगलवार को यह मुद्दा और उछला जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मजाकिया लहजे में कहा, कि मेरा मानना है कि कुत्ता आज का मुख्य विषय है। बेचारे कुत्ते ने क्या किया है। कुत्ता यहां आया था। उसे अनुमति क्यों नहीं है? उन्होंने संसद भवन की इमारत की ओर इशारा कर कहा यहां पालतू जानवरों को लाने की अनुमति नहीं है लेकिन उन्हें अंदर अनुमति है।
इसी दिन विशेष मतदाता सूची संशोधन यानी SIR को लेकर विपक्ष के विरोध के बीच केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि संसद को बाधित करना सही नहीं है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए रेणुका चौधरी ने कड़ा हमला बोला और रिजिजू को नालायक कह दिया।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने मंगलवार शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि रेणुका चौधरी के काटने वाले बयान और राहुल गांधी की टिप्पणी ने संसद की गरिमा को ठेस पहुंचाई है। बुधवार को भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस और रेणुका चौधरी पर सीधा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस एक संगठित अभियान के तहत संसद और संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा कमजोर करने में लगी है। उन्होंने चौधरी को कुख्यात हंसी के लिए मशहूर बताते हुए कहा कि उनका व्यवहार और टिप्पणियां संसदीय मर्यादा के विरुद्ध हैं।
विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव की संभावना पर भी चौधरी ने पलटवार किया और कहा कि उनके द्वारा पिल्ला लाने से सरकार अधिक हिल गई जबकि प्रदूषण BLO की आत्महत्या और मज़दूर कानून जैसे गंभीर मुद्दों पर सरकार की कोई चिंता नहीं है। संसद परिसर में कुत्तों के प्रवेश पर कोई स्पष्ट प्रतिबंध नहीं है और भाजपा को चरित्र प्रमाण पत्र देने से पहले अपने भीतर झांकने की जरूरत है।